अब तक 45 चालान रद्द

  • -दूसरे वाहनों के नंबर से चल रहीं हैं गाड़ियां
  • -असली मालिक के नाम भेजा जा रहा चालान

नागपुर :बिना हेलमेट पहने वाहन चलाने वालों के िखलाफ ई-चालान कार्रवाई में घर भेजे गए 45 चालान रद्द िकए गए हैं। इसमें उन वाहन मालिकों का समावेश है, जिनकी गाड़ियों के नंबर िकसी दूसरी गाड़ी पर लिखे हैं। बिना हेलमेट पहने वाहन चालते समय फोटो िनकाल कर आरटीओ में जिनके नाम वाहन रजिस्टर्ड है उन्हें चालान भेजे गए हैं। जो बिना हेलमेट पहने वाहन चलाते पकड़े गए, उसी में से जिन लोगों ने चालान रद्द कराए, उन्हीं के मामले सामने आए हैं। शहर में ऐसे सैकड़ों वाहन होने का पुलिस को संदेह है। फोटो सहित ई-चालान से यह राज उजागर होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया है। इस िदशा में पुलिस बड़ा कदम उठाने की योजना बना रही है।

शहर में एक समान नंबर के एक से अधिक वाहन चल रहे हैं। ई-चालान में चालक और वाहन की फोटो छपी होने से यह मामले उजागर हुए हैं। जिन लोगों को चालान मिल रहे हैं, उसमें उनका गाड़ी नंबर और पता सही है। परंतु चालान पर छपी फोटो में गाड़ी और चालक दोनों कोई और है। ऐसे सैकड़ों चालान भेजे जा चुके हैं। इसमें से अब तक 45 लोगों ने यातायात कार्यालय पहुंच कर दस्तावेजों सहित सबूत पेश कर चालान रद्द करवा लिए हैं। और भी कई लोग हैं, जो यातायात कार्यालय तक पहुंचे ही नहीं है। इस प्रकरण में सिविल लाइंस स्थित यातायात चेंबर क्रमांक 2 में सबसे अधिक 22 चालान रद्द किए जा चुके हैं।

हेलमेट के आड़ में भी चलता है खेल

शहर में ऐसे भी सैकड़ों वाहन हो सकते हैं, जो हेलमेट पहनकर पुलिस की आंखों में धुल झोंक रहे हैं। बिना हेलमेट पहने वाहन चलाने वालों के िखलाफ सख्ती बरते जाने से जो फोटो में कैद हुए, उन्हीं के आंकड़े सामने आए हैं। हेलमेट पहनकर चलाए जा रहे वाहनों की जांच नहीं होने से हेलमेट के आड़ में ऐसे सैकड़ों वाहन चलने की आशंका जताई जा रही है। जो आंकड़े सामने आए है, उसके पीछे की सच्चाई जानने के िलए क्राइम ब्रैंच को जांच सौंपी जा रही है।

गाड़ी बिना चलाए मिला चालान

छापरू रोड निवासी ललित बेताला, एक वर्ष से शहर के बाहर है। जब से वे शहर के बाहर है, उनकी गाड़ी घर के बाहर नहीं िनकली। उनके नाम घर पर चालान भेजा गया। चालान देख परिवार के लोग दंग रह गए। जब गाड़ी बाहर ही नहीं िनकली। उनके सामने सवाल खड़ा हो गया। जब गाड़ी घर के बाहर ही नहीं िनकली, तो चालान कैसे हो गई। जब चालान पर छपी फोटो पर नजर गई, तो पता चला ना गाड़ी उनकी है और ना ही गाड़ी चालक उनका परिचित है। गाड़ी और चालान लेकर यातायात िवभाग पहुंचे। वहां मौजूद यातायात अधिकारी को कहानी सुनाने पर चालान रद्द कर िदया गया।

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