थानों में दर्ज नहीं होगी शराबी वाहन चालकों पर एफआईआर

यातायात पुलिस शाखा कार्यालय का कर्मचारी करेगा सीधे कार्रवाई

अदालत में चालान भरने के बाद छोड़े जाएंगे जब्त िकए गए वाहन

नागपुर। उपराजधानी के थानों में शराबी वाहन चालकों पर एफआईआर दर्ज नहीं होगी। इससे समय और कागजी कार्रवाई पूरी करने में बचत होगी। अब यातायात पुलिस कर्मचारी शराबी वाहन चालक को सीधा चालान थमा कर उसका वाहन जब्त करेगा। मोटर व्हीकल कोर्ट में चालान जमा करने के बाद ही यातायात पुलिस द्वारा जब्त िकया गया वाहन छोड़ा जाएगा। उपराजधानी में यातायात पुलिस विभाग की ओर से हर रोज 100 से अधिक डीडी (ड्रंकन एंड ड्राइव) के मामले थानों में दर्ज होते हैं। इसके लिए थाने के कर्मचारियों को देर रात तक शराबी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से लेकर उसके वाहन जब्ती करने में काफी समय लग जाता है। उसके जिम्मे थाने के कार्य पर असर पड़ता था। अब इससे थाने के कर्मचारी को छुटकारा मिल गया है। शराबी वाहन चालक पर सीधा चालान कार्रवाई होगी। शराबी वाहन चालक यातायात पुलिस कर्मी द्वारा दिए गए मैनुअल चालान को जब तक कोर्ट में जमा नहीं कर देता, तब तक उसका वाहन नहीं छूटेगा।

पहले थाने वाले करते थे सारी कार्रवाई

पहले डीडी की सारी कार्रवाई थाने वालों को करना पड़ता था। यातायात पुलिस सिर्फ शराबी वाहन चालकों को लेकर थाने में जाया करती थी। इससे थाने के कर्मचारियों पर डीडी कार्रवाई का अतिरिक्त बोझ बढ़ जाता था। अब उनका यह बोझ कम हो गया है। थानों में डीडी कार्रवाई का बोझ कम करने के उद्देश्य से पिछले दिनों पुलिस आयुक्त डा. के व्यंकटेशम, यातायात पुलिस विभाग उपायुक्त स्मार्तना पाटील ने कोर्ट में न्यायाधीशों के साथ विविध मुद्दों पर बैठक में चर्चा की। बैठक में संबंधित अदालत ने पुलिस अधिकारियों से कहा िक यातायात पुलिस कर्मचारी भी शराबी वाहन चालकों पर धारा 184, 185 के तहत शराब प्रतिबंधक की चालान और धारा 270 के अंतर्गत वाहन डिटेन करने की कार्रवाई कर सकता है।

भाग 6 के अंतर्गत होती थी कार्रवाई

पहले शराबी वाहन चालकों पर थानों में भाग 6 के अंर्तगत एफआईआर दर्ज होती थी। भाग 6 में शराब प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की धारा 184, 185 के तहत मामले दर्ज िकए जाते थे। यह कार्रवाई थाने का कर्मचारी करता था। पकड़े गए शराबी वाहन चालकों की वैद्यकीय जांच के िलए उसे शासकीय अस्पतालों में भेजना पड़ता था। उसके बाद उसके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट बनाकर पेश करनी पड़ती थी। अब सीधे तौर पर कार्रवाई होने से थाने के कर्मचारियों को एफआईआर दर्ज नहीं करना पड़ेगा और न ही चार्जशीट बनाने के िलए समय खर्च होगा। सीधा चालान कार्रवाई होने से समय की बचत और कार्रवाई प्रक्रिया जल्दी पूरी होगी। पहले कोर्ट में चालान भरने पर वाहन चालक या मालिक को वाहन छुड़ाने के िलए सुपुर्दनामा लाना पड़ता था। इसके िलए लंबा समय लग जाता था। अब यह सब बंद हो जाएगा, क्योंकि शराबी वाहन चालक के खिलाफ थानों में एफआईआर दर्ज करना बंद हो गया है।

एक चालान की कॉपी कोर्ट को भेजेंगे

यातायात पुलिस विभाग की उपायुक्त स्मार्तना पाटील ने बताया िक मैनुअल चालान की दो कापी यानी रसीद बनेगी। एक रसीद शराबी वाहन चालक को थमाई जाएगी, दूसरी मोटर वाहन व्हीकल कोर्ट को भेजी जाएगी, ताकि जब वाहन चालक कोर्ट में पैसे जमा करने जाए, तब वह जमा कर सके। कोर्ट में जुर्माना भरने की रसीद िमलने पर वह उसे संबंधित यातायात पुलिस विभाग के शाखा कार्यालय में दिखाकर अपने वाहन को ले जा सकता है।

हां यह बात सही है

हां यह बात सही है िक अब शहर के थानों में शराबी वाहन चालकों पर एफआईआर दर्ज करना बंद हो गया है। इससे थानों के कर्मचारियों का बोझ कम हो जाएगा। डीडी की कार्रवाई में समय की भी बचत होगी। कार्रवाई करने में भी आसानी होगी। डीडी की कार्रवाई यातायात पुलिस भी सीधे तौर पर कर सकती है।

स्मार्तना पाटील , उपायुक्त यातायात शहर पुलिस विभाग

 

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