चीन ने आज कहा कि वह दलाई लामा को ‘विवादित’ अरूणाचल प्रदेश की यात्रा करने की अनुमति देने पर भारत के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज करवाएगा क्योंकि इससे द्विपक्षीय संबंधों को ‘भारी नुकसान’ पहुंचा है।
बीजिंग : चीन ने आज कहा कि वह दलाई लामा को ‘विवादित’ अरूणाचल प्रदेश की यात्रा करने की अनुमति देने पर भारत के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज करवाएगा क्योंकि इससे द्विपक्षीय संबंधों को ‘भारी नुकसान’ पहुंचा है। चीन के विदेश मंत्री की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने पत्रकारों से कहा, ‘‘भारत ने चीन की चिंता की उपेक्षा करते हुए भारत-चीन सीमा के विवादित पूर्वी क्षेत्र में दलाई लामा की यात्रा का हठपूर्वक प्रबंध किया जिससे चीन हितों और भारत-चीन संबंधों को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि चीन इस कदम के खिलाफ भारत के समक्ष दृढ़तापूर्वक विरोध दर्ज कराएगा। कल तिब्बत के 81 वर्षीय आध्यात्मिक नेता अरूणाचल प्रदेश में अपनी नौ दिन की यात्रा शुरू करने पश्चिमी कामेंग जिले के बोमडिला पहुंंचे थे। चीन अरूणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को दक्षिणी तिब्बत कहता है और वह पहले भी यह चेतावनी दे चुका है कि यदि भारत दलाई लामा को अरूणाचल प्रदेश आने देता है तो उसे संबंधों में ‘भारी नुकसान’ का सामना करना पड़ेगा।
वहीं चीन के सरकारी मीडिया ने आज कहा कि भारत चीन के संयम की सीमा को चुनौती देने के लिये दलाई लामा का कूटनीतिक इस्तेमाल कर रहा है। चीनी अखबार में धमकी दी गयी कि हो सकता है भारत ने अपने मूल हितों की रक्षा के बीजिंग के संकल्प का आकलन कम कर के किया है। दलाई लामा के अरूणाचल प्रदेश मेें तवांग के दौरे पर चीन की यह प्रतिक्रिया सरकारी ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में आई है। ग्लोबल टाइम्स सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी के प्रकाशन का हिस्सा है और उसे कट्टर राष्ट्रवादी रूख के लिये जाना जाता है।