लखनऊ : अखिलेश यादव ने शनिवार को पार्टी ऑफिस में सपा के मेंबरशिप कैम्पेन की शुरुआत की। इस कार्यक्रम से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव पूरी तरह से गायब रहे। कार्यक्रम में मौजूदगी तो दूर की बात है, होर्डिंग–पोस्टर में भी उनकी तस्वीर नहीं नजर नहीं आई। पोस्टर पर लोहिया और जनेश्वर की तस्वीरें तो थीं, लेकिन मुलायम की तस्वीर गायब थी। सपा और अखिलेश में इस बदलावा को लेकर पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स ने बताया कि, अखिलेश अब नेशनल लेवल पर मुलायम की जगह लेना चाहते हैं। होर्डिंग से गायब हुए मुलायम…
– बता दें, अखिलेश यादव ने आज सदस्यता अभियान की शुरूआत करने के बाद आज प्रेस कांफ्रेंस की। इस प्रेस कांफ्रेंस में उनके पीछे डेमो पर्ची की होर्डिंग लगाई गई थी।
– इसके होर्डिंग पर जनेश्वर मिश्र, राम मनोहर लोहिआ को सबसे ऊपर रखा गया, लेकिन मुलायम को जगह नहीं दी गई थी।
– इसके होर्डिंग पर जनेश्वर मिश्र, राम मनोहर लोहिआ को सबसे ऊपर रखा गया, लेकिन मुलायम को जगह नहीं दी गई थी।
राष्ट्रीय स्तर पर खुद को प्राजेक्ट कर रहे अखिलेश
– पॉलिटिकल एक्सपर्ट रतन मणि लाल ने बताया कि, अखिलेश यादव अब पूरी तरह से पार्टी पर अपना अधिपत्य जमा चुके हैं। वो किसी भी तरह से अपने किए फैसलों पर पीछे नहीं हटना चाहते हैं।
– अखिलेश पार्टी में और कार्यकर्ताओं के बीच पहले ही ये संदेश दे चुके हैं कि, अब वो ही सर्वेसर्वा हैं।
– अब इसी बात को वो राष्ट्रीय स्तर पर अन्य पार्टियों के नेताओं को बताना चाहते हैं। एक तरह से अखिलेश खुद को मुलायम के तौर पर नेशनल लेवल पर प्रोजेक्ट कर रहे हैं।
– पॉलिटिकल एक्सपर्ट रतन मणि लाल ने बताया कि, अखिलेश यादव अब पूरी तरह से पार्टी पर अपना अधिपत्य जमा चुके हैं। वो किसी भी तरह से अपने किए फैसलों पर पीछे नहीं हटना चाहते हैं।
– अखिलेश पार्टी में और कार्यकर्ताओं के बीच पहले ही ये संदेश दे चुके हैं कि, अब वो ही सर्वेसर्वा हैं।
– अब इसी बात को वो राष्ट्रीय स्तर पर अन्य पार्टियों के नेताओं को बताना चाहते हैं। एक तरह से अखिलेश खुद को मुलायम के तौर पर नेशनल लेवल पर प्रोजेक्ट कर रहे हैं।
अखिलेश तीसरे मोर्चे की पहल कर रहे हैं
– पॉलिटिकल एक्सपर्ट रतन मणि लाल ने कहा- जिस तरह से अखिलेश तीसरे मोर्चे की पहल कर रहे हैं। पहले यही काम मुलायम सिंह यादव किया करते थे। उन्हीं के नक्शे कदम पर अखिलेश चल रहे हैं।
– इस बार के तीसरे मोर्चे में अखिलेश यादव खुद को लीडर बताने में लगे हैं। यही कारण है कि वो अब अपने पिता की तस्वीर को भी सदस्यता की पर्चियों से हटा रहे हैं।
– पॉलिटिकल एक्सपर्ट रतन मणि लाल ने कहा- जिस तरह से अखिलेश तीसरे मोर्चे की पहल कर रहे हैं। पहले यही काम मुलायम सिंह यादव किया करते थे। उन्हीं के नक्शे कदम पर अखिलेश चल रहे हैं।
– इस बार के तीसरे मोर्चे में अखिलेश यादव खुद को लीडर बताने में लगे हैं। यही कारण है कि वो अब अपने पिता की तस्वीर को भी सदस्यता की पर्चियों से हटा रहे हैं।

सपा के मेंबरशिप कैम्पेन से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव पूरी तरह से गायब रहे।
अखिलेश मुलायम को पार्टी से अलग-थलग कर चुके हैं
– वहीं, वरिष्ठ पत्रकार हेमन्त तिवारी ने कहा कि, अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह को पूरी पार्टी से अलग थलग कर चुके हैं। उन्हें कहने भर के लिए संरक्षक बनाया है।
– वो काम तो पूरा मुलायम की तरह ही कर रहे हैं, लेकिन वो मुलायम वाला रूतबा शायद ही हासिल कर पाएं।
– क्योंकि ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, शरद पवार, एआईडीएमके और सबसे महत्वपूर्ण मायावती कभी भी तीसरे मोर्चे का हेड अखिलेश यादव को नहीं बनने देंगे।
– अखिलेश पारी तो बहुत लम्बी खेलना चाहते हैं, लेकिन मुलायम को एक झटके में पार्टी से बाहर कर दिया। इससे गलत मैसेज गया है। जिस तरह से अखिलेश यादव मायावती से हाथ मिलाने को बेचैन दिख रहे हैं, वो पूरी सपा के लिए भारी पड़ेगा।