योगी ने दिया गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट की उच्चस्तरीय जांच का आदेश, 45 दिन में देनी होगी रिपोर्ट

27 मार्च को सीएम आदित्यनाथ योगी सोमवार को गोमती रिवर फ्रंट पहुंचे। यहां उन्होंने अफसरों के साथ मीटिंग की।

27 मार्च को सीएम आदित्यनाथ योगी सोमवार को गोमती रिवर फ्रंट पहुंचे। यहां उन्होंने अफसरों के साथ मीटिंग की।

लखनऊ. यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी ने शनिवार को गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट की उच्चस्तरीय जांच का आदेश दिया। इसके लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई में एक कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी 45 दिन में सीएम को जांच रिपोर्ट सौंपेगी। साथ ही अब यूपी की किसी भी योजना में अतिरिक्त पैसा नहीं मि‍लेगा। जिन विभागों ने अतिरिक्त पैसे मांगे हैं उनपर कड़ी नजर रहेगी। जारी हो चुके पैसे का हिसाब 20 दिन में देना होगा। नमामि गंगे से जुड़े प्रोजेक्ट केंद्र को भेजने के आदेश दि‍ए गए हैं। यह प्रोजेक्ट पूर्व सीएम अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट था। योगी ने अचानक किया था इंस्पेक्शन

– 27 मार्च को सीएम आदित्यनाथ योगी सोमवार को गोमती रिवर फ्रंट पहुंचे। यहां उन्होंने अफसरों के साथ मीटिंग की। रि‍वर फ्रंट प्रोजेक्ट से जुड़े अफसरों को तलब करते हुए पूछा- “बाकी बचे हुए पैसे कहां गए?” इसके बाद चीफ इंजीनियर पीके सिंह से जानकारी ली। योगी के साथ डि‍प्टी सीएम दिनेश शर्मा भी मौजूद थे।

– इरिगेशन डिपार्टमेंट के चीफ इंजीनियर पीके सिंह ने बताया, पहले बजट 900 करोड़ था। बढ़ाकर 1513 करोड़ किया गया। अभी तक 1427 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इसके बाद योगी और चीफ इंजीनियर के बीच इस तरह बातचीत हुई।

– योगी:अब कितना पैसा चाहिए।
– सिंह:1 हजार करोड़ और लगेगा।
– योगी: अब एक रुपया और नहीं दिया जाएगा इस बजट में। अब बताओ, पैसे कहां से लेकर आओगे?
– सिंह: भारत सरकार की योजनाओं जैसे नमामि गंगे, जल निगम की योजनाओं के लिए जो पैसे आएं हैं, उनके पैसे को यूज किया जाएगा। उन पैसों का पूरा इस्तेमाल किया जाएगा।
-योगी: ठीक है। पूरा हिसाब चाहिए। 1 हजार करोड़ कहां से लेकर आओगे और कहां इस्तेमाल करोगे।
– योगी: योजना कब पूरी होनी थी।
– सिंह: मई 2017 तक का वक्त था।
– योगी: इतने में तो कर नहीं पाओगे। कितना और समय चाहिए।
– सिंह:एक साल और चाहिए।
– योगी:ठीक है। मीटिंग में ये सारी चीजें बताइएगा।
– वहीं, इरिगेशन मिनिस्टर ने धरमपाल सिंह ने कहा, “एक भी पैसे का हिसाब गड़बड़ नहीं होगा। पूरी निगरानी के साथ रिवर फ्रंट के साथ प्रोजेक्ट को तैयार कराएंगे।”

ईको फ्रेंडली ग्रीन थीम पर बेस्ड है रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट
– इस प्रोजेक्ट के तहत देश में पहली बार ईको-फ्रेंडली ग्रीन रिवर तैयार की गई है। गोमती नदी रिवर फ्रंट का काम ईको फ्रेंडली ग्रीन थीम पर बेस्ड है।
– इसको लंदन की टेम्स नदी के जैसा डेवलप करने का प्लान है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया की तर्ज पर गोमती के किनारे पर स्टेडियम भी बनाया जा रहा है।
– इसके अलावा गोमती के किनारे पर जॉगिंग और साइकिलिंग ट्रैक भी बनाए गए हैं। साथ ही लोग नदी में बोटिंग का मजा भी ले सकेंगे।

पौधों में अभी तक नहीं लगाई गई चिप
– सपा सरकार में रिवर फ्रंट का इनॉगरेशन तो हो गया था, लेकिन अभी तक कोई भी चिप जोड़ी नहीं जा सकी है।
– पौधों को कोई नुकसान न पहुंचा पाए, इसके लिए पौधों में चिप लगाई जाएगी, जिसे कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा।
– जितनी भी चिप लगेंगी, उन्हें मास्टर कम्प्यूटर से जोड़ा जाएगा। मास्टर कम्प्यूटर गोमती रिवर फ्रंट के कंट्रोल रूम में रखा जाएगा।

लंदन की तरह लखनऊ आई बनेगा
– लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी के अफसर के मुताबिक, लंदन की तरह गोमती नदी के किनारे लखनऊ आई की भी प्लानिंग की जा रही है।
– ये झूला करीब 100 मीटर ऊंचा होगा। इससे शहर का दीदार किया जा सकेगा।
– पहले इसे पुराने लखनऊ में लगाने की प्लानिंग थी। लेकिन आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट ने वहां लगाने से इनकार कर दिया था।
– रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट के तहत लोग नदी के इस पार से उस पार जा सकें, इसके लिए कई पैदल पुल बनाए जाएंगे।

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