वैश्वीकरण ने लालच को भगवान बना दिया है – स्वामी अग्निवेश

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स्वामी अग्निवेश भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता मे बोलते हुए

वैश्वीकरण ने लालच को भगवान बना दिया है
– स्वामी अग्निवेश
विश्व बाजार में इतनी होड़ है कि वसुधैव कुटुम्बकम आम जनता की आवाज़ बनने जा रही है । बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने वन, पर्वत, पेड़, पौधों, नदी तालाब को वस्तु में बदल दिया है । उनका जंगल पर कब्जा धरती के फेफड़े पर कब्जा करना है और इसके सबसे ज्यादा शिकार आदिवासी हो रहे हैं । देश के प्रमुख मानवाधिकार कर्मी और चिंतक स्वामी अग्निवेश ने आज भारतीय भाषा परिषद में अपने ये उद्गार बड़ी पीड़ा के साथ व्यक्त किए । उन्होंने अपने कलकत्ते के अपने विद्यार्थी जीवन को याद करते हुए बताया कि बंगाल में जो पहले तर्क-वितर्क हुआ करते थे उनकी परंपरा में ही उनके जीवन का निर्माण हुआ है । उन्होंने ऋग्वेद के उस श्लोक से अपने व्याख्यान की शुरुआत की जिसमें कहा गया है कि साथ मिलकर चलो और साथ मिलकर सोचो । स्वामी अग्निवेश ने यह सवाल उठाया कि वैश्वीकरण यदि पूंजी का भूमंडलीकरण कर रहा है तो श्रम का भूमंडलीकरण क्यों नहीं कर रहा है । अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश वीजा के नियम कठोर क्यों कर रहे हैं । उन्होंने यह बताया कि दुनिया में 1700 बिलियन डॉलर सैनिक-साजो सामान पर खर्च हो रहे हैं । यदि इसका 10 प्रतिशत भी गरीब बच्चों पर खर्च हो तो 21000 बच्चे हर साल भूख से मरने से बच जाएंगे । स्वामी अग्निवेश ने कहा परिवार की परिभाषा है सबसे छोटे बच्चे की जरूरत को सबसे पहले पूरी करना । उसके लिए दवा, दूध, कपड़े का इंतजाम करना । दुनिया का एक भी बच्चा भूखा न सोये यही बसुधैव कुटुम्बकम का मॉडल है । वैश्वीकरण ने और कुछ नही बस लालच को भगवान बना दिया है । गरीब लोगों को न्याय दिलाने का काम राम और कृष्ण ने किया था । आज यह काम करने के लिए विकास की पद्धति को बदलने की जरूरत है । उन्होंने अपनी यह बात भी दोहराई कि वे आदिवासियों के लिए लड़ते रहे हैं और लड़ते रहेंगे ।
अध्यक्षीय भाषण देते हुए डॉ शंभुनाथ ने कहा कि दयानंद सरस्वती ने तर्क की जो परम्परा 19वीं सदी में स्थापित की थी, वह आज बढ़ती हिंसा और सस्ते मनोरंजन की वजह से खतरे में है । हमें सभ्य समाज बनाने के लिए तर्क और निर्भीक बहस की उस परंपरा की फिर से स्थापना करनी होगी . सभा को प्रसिध्द गांधीवादी विचारक डॉ शंकर कुमार सान्याल, डॉ. कुसुम खेमानी और मनोहर मानव ने भी संबोधित किया। सभा का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बंगवासी कॉलेज के पीयूष कांत राय ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों और युवाओं की उपस्थिति अपने आप में एक बड़ा संदेश है ।

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