-पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के विशेष सचिव ने सभी जिलों से मांगा ब्योरा
-31 मार्च से 31 अगस्त तक व्यय व कोषागार में जमा की गयी राशि के बाद नहीं मिल रहा हिसाब
पटना
सृजन घाटाले के बाद सरकार वित्तीय लेन-देन को लेकर ज्यादा गंभीर हुई है. बाकायदा मुख्य सचिव और वित्त विभाग ने सभी विभागों को पत्र तक जारी किया था. स्पष्ट किया था कि बैंक खातों का स्टेटमेंट लेकर रोकड़-बही से मिलान करा लिया जाये. प्रारूप के अनुसार धनराशि का पूरा विवरण मांगा गया था. फिलहाल जो विवरण मिला है, उसमें गड़बड़ियां मिली हैं. 31 मार्च 2017 तक बैंक खाते में जमा राशि में 31 अगस्त तक खर्च की गयी राशि को घटाने पर हिसाब नहीं मिल रहा है. इससे स्पष्ट है कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. फिलहाल, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के विशेष सचिव ने सभी उप निदेशक कल्याण और सभी जिला कल्याण पदाधिकारियों को पत्र लिखकर पूरा ब्योरा तलब किया है.
खुली पोल :
अगस्त में मुख्य सचिव और वित्त विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखा था. इसमें पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग भी शामिल था. बाकायदा एक प्रारूप भी जारी किया गया था. इसी के अनुसार सभी विभागों से विवरण मांगा गया था. इसके बाद विभागों ने अपने-अपने स्तर से जिलों को पत्र जारी करते हुए ब्योरा मांगा. पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को जिलों से जो रिपोर्ट मिली, उसी की जांच में गड़बड़ी सामने आयी है. 31 मार्च तक संधारित राशि में 31 अगस्त तक व्यय की गयी राशि-कोषागार में जमा की गयी राशि को घटाने पर शेष राशि पूरी नहीं मिल रही है.
हरकत में विभाग :
पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के विशेष सचिव डॉ वीरेंद्र यादव ने सभी उप निदेशक कल्याण और सभी जिला कल्याण पदाधिकारियों को पत्र लिखा है. उन्होंने पूर्व में जारी पत्रों का हवाला देते हुए कहा है कि संधारित बैंक खातों का बैंक स्टेटमेंट प्राप्त कर उसका रोकड़-बही से मिलान करा लिये जाने और गड़बड़ी पाये जाने पर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिये गये थे. साथ ही भविष्य में बैंक खातों में संधारित सरकारी राशि की शुद्धता की जांच नियमित रूप से प्रत्येक माह में करते हुए विभाग को रिपोर्ट उपलब्ध कराने को भी कहा गया था. इसका अनुपालन किसी भी जिला कल्याण पदाधिकारियों के माध्यम से नहीं हुआ.
रिपोर्ट तलब :
पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के विशेष सचिव डॉ वीरेंद्र यादव ने निर्देश दिया है कि बैंक खातों में जमा राशि का कोर बैंकिंग सॉल्यूशन स्टेटमेंट शाखा प्रबंधक द्वारा प्रमाणित कराते हुए रोकड़ बही से मिलान किया जाये. 31 मार्च 2017 तक बैंक खातों में संधारित राशि में 31 अगस्त 2017 तक व्यय की गयी राशि का व्यय विवरणी-कोषागार में जमा की गयी रािश का सीटीएमआईएस रिपोर्ट से मिलान किया जाये. इसके बाद इसकी रिपोर्ट तीन दिनों में ईमेल से भेजी जाये. इसके बाद किसी भी तरह की गड़बड़ी सामने आने पर फौरन विभाग को सूचित करने के निर्देश दिये गये हैं.
Gram maddo bhikh pardhan ke tarf se koi kam nhi karata hay