कालेधन वालों का पैसा सफेद नहीं हुआ, मुंह काला जरूर हो गयाः पीएम मोदी

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मुंबई/ पुणे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के पुणे में शनिवार को मेट्रो के फेज-1 प्रॉजेक्ट की नींव रखी। शिलान्यास के बाद प्रधानमंत्री ने एक रैली को भी संबोधित किया। देश में कालाधन रखने वालों पर निशाना साधते पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे लोगों को लगा कि नोटबंदी के बाद बैंक में पैसे जमा करके उनका सारा पैसा काले से सफेद हो जाएगा। लेकिन पैसा तो काले से सफेद नहीं हुआ, बल्कि मुंह काला हो गया।

पीएम ने कहा कि हमें ऐसी योजनाएं बनानी चाहिए, जिनका फायदा लंबे वक्त तक मिल सके। उन्होंने नोटबंदी से लेकर डिजिटल इंडिया तक कई मुद्दों पर लोगों से बात की।

नोटबंदी के बाद छोटे-बड़े सब एक स्तर पर आ गए
नोटबंदी के फैसले पर पीएम मोदी ने कहा कि इसके बाद छोटे-बड़े सब एक स्तर पर आ गए। उन्होंने कहा, ‘पहले 100 के नोटों को लोग छोटा समझते थे, लेकिन नोटबंदी के बाद से इसकी कीमत बढ़ गई।’ इसका हवाला देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि नोटबंदी के बाद से छोटों की कीमत बढ़ गई। उन्होंने कहा कि पुरानी सरकारें उनके लिए अच्छे काम छोड़ गईं और उन्हें अधूरे काम उन्हें पूरे करने पड़ रहे हैं।

50 दिन बाद बेईमानों की तकलीफ बढ़नी शुरू हो जाएगी

इससे पहले मुंबई में शिवाजी स्मारक के लिए भूमिपूजन करने के बाद प्रधानमंत्री ने बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में एक जनसभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि बेईमान बख्शे नहीं जाएंगे। अगर कोई सोचता है कि वह पहले की तरह बचने का कोई रास्ता निकाल लेगा, तो ऐसा नहीं होगा। सरकार बदल चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी को काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा हमला बताते हुए कहा है कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक हम जीतेंगे नहीं।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी की घोषणा के 50 दिन बाद ईमानदार लोगों की तकलीफें तो कम होंगी, लेकिन बेईमानों की तकलीफ बढ़नी शुरू हो जाएगी। अब जो समय आ रहा है, वह बेईमानों की बर्बादी का होगा। मोदी ने कहा कि बेईमान लोग सही रास्ते पर लौट आएं। उन्हें फांसी पर नहीं चढ़ाएंगे।

जनता नोटबंदी के साथ

प्रधानमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से लोगों को तकलीफ हुई। लेकिन लोगों ने इसका साथ दिया है। लोगों को गुमराह करने की कोशिशें भी हुई। लेकिन वे गुमराह नहीं हुए। महाराष्ट्र के निकाय चुनाव में तो लोगों ने गुमराह करने वालों को जवाब भी दे दिया। मोदी की इस टिप्पणी को शिवसेना को जवाब माना जा रहा है, जो नोटबंदी पर सरकार का विरोध करती रही है।

मंच पर शिवाजी के वंशज

महाराष्ट्र की राजनीति में खासा महत्व रखनेवाले छत्रपति शिवाजी के दो वंशज सांसद उदयनराजे भोसले एवं सांसद संभाजीराजे भोसले भी मंच पर मोदी के साथ मौजूद थे। इन दोनों की उपस्थिति में शिवाजी स्मारक का भूमिपूजन करवाकर भाजपा ने मराठा समाज को साथ रखने की कवायद शुरू कर दी है।

और लिए जाएंगे कठोर फैसले

इससे पहले राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार संस्थान के नए कैंपस का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार देशहित में कड़े फैसले लेने से हिचकेगी नहीं। मोदी ने कहा, ‘एक बात मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं। हमारी सरकार अल्पकालीन राजनीतिक हित के लिए फैसले नहीं करेगी। जरूरत पड़ी तो हम देश के दूरगामी हित में कठोर फैसले लेने से पीछे नहीं हटेंगे।’ मोदी ने कहा कि नोटबंदी से लोगों को कुछ समय के लिए परेशानी हुई, लेकिन इसके दूरगामी नतीजे अच्छे होंगे।

शिवाजी स्मारक के लिए भूमिपूजन

मोदी ने मरीन ड्राइव से करीब ढाई किलोमीटर समुद्र के अंदर बननेवाले शिवाजी स्मारक का भूमिपूजन एवं जलपूजन किया।
-भूमिपूजन महाराष्ट्र के करीब 300 किलों से लाई गई मिट्टी से एवं जलपूजन महाराष्ट्र की सभी नदियों के जल से किया गया।
-करीब 3600 करोड़ की लागत से बननेवाला यह दुनिया का सबसे ऊंचा स्मारक होगा। इसकी कुल ऊंचाई 192 मीटर होगी।
-इसमें छत्रपति शिवाजी की घोड़े पर सवार प्रतिमा की ऊंचाई 114 मीटर होगी। इस मूर्ति की डिजाइन प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार ने बनाई है।
-स्मारक समुद्र के अंदर एक टापू पर बनाया जाएगा। एक समय में करीब 10 हजार पर्यटक इस स्मारक पर जा सकेंगे।

‘मैं बेईमान लोगों से कहना चाहूंगा कि देश के कानून को स्वीकार कीजिए। नियमों को मानिए और हर नागरिक की तरह आप भी सुख-चैन की जिंदगी जीने के लिए आइए। मैं आपका स्वागत करता हूं।’
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

जानें स्मारक क्यों है खास

करीब 15 एकड़ के द्वीप पर प्रस्तावित स्मारक समंदर के किनारे से डेढ किलोमीटर अंदर होगा। इस स्मारक में लगने वाले शिवाजी महाराज के पुतले की ऊंचाई घोड़े समेत 192 मीटर है। घोडे़ पर बैठे हुए छत्रपती शिवाजी महाराज के पुतले की उंचाई 114.4 मीटर है। ये स्मारक करीब 13 हेक्टेयर के चट्टान पर बनाया जाएगा।

यहां एक समय में 10 हजार लोग एक साथ आ सकते हैं। इस स्मारक पर एक एम्पीथिएटर, मंदिर, फूड कोर्ट, लाइब्रेरी, ऑडियो गायडेड टूर, थ्री डी-फोर डी फिल्म, एक्वेेरियम जैसी सुविधाए होंगी। परियोजना की कुल लागत 3600 करोड़ रुपए है, जिसमें से पहले चरण की लागत 2500 करोड़ रुपए होगी।

इसके बाद वह मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) व दो मेट्रो परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। जिन मेट्रो परियोजनाओं की नींव पीएम मोदी रखने वाले हैं, उनमें डीएन नगर-मनखुर्द मेट्रो-2बी व वडाला-घाटकोपर-मुलुंड-ठाणे-कसरवाडावली गलियारा शामिल है।

मुंबई के बाद मोदी पुणे जाएंगे। यहां कृषि महाविद्यालय ग्राउंड में वह पुणे मेट्रो ट्रेन परियोजना का शिलान्यास करेंगे। मोदी मुंबई में राष्ट्रीय प्रतिभूति बाजार संस्थान (एनआईएसएम) के पातालगंगा स्थित नए परिसर का भी उद्घाटन करेंगे। यह संस्थान भारतीय प्रतिभूति एवं विनियामक बोर्ड (सेबी) की एक शैक्षिक पहल है।

एनआईएसएम वर्तमान में मुंबई के वाशी स्थित परिसर से अपना कार्य करता है, लेकिन मौजूदा आधारभूत ढांचा बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं है। नया परिसर 70 एकड़ क्षेत्र में फैला है। यहां 5000 छात्रों को शिक्षण देने की सुविधा है और इस संस्थान पर सेबी ने 400 करोड़ रुपए का निवेश किया है। वर्तमान में परिसर में करीब 1000 आवासीय छात्र हैं, जो विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जुड़े हैं।

दुनिया का सबसे बड़ा स्मारक

यह दुनिया का सबसे बड़ा स्मारक होगा।
यह अरब सागर में तट से डेढ़ किलोमीटर अंदर बनेगा।
स्मारक की कुल ऊंचाई 192 मीटर होगी।
इसका प्लेटफॉर्म 77 मीटर होगा।
इस प्लेटफॉर्म पर घोड़े पर बैठे छत्रपति शिवाजी की मूर्ति 114 मीटर की होगी।
अमेरिका के स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से भी बड़ी मूर्ति होगी।
पूरे स्मारक को 13 हेक्टेयर में फैले चट्टानों पर बनाया जाएगा।
इस स्मारक में एमपी थिएटर, लाइब्रेरी, फूड कोर्ट में होगा।
इस कुल 3600 करोड़ की लागत आएगी।

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