काले धन के अनुमान में चूक

नई दिल्ली1नोटबंदी की घोषणा होने के तुरंत बाद बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में आरबीआइ गवर्नर उर्जित पटेल ने बताया था कि देश में जितनी मुद्रा प्रचलन में है उनका 86 फीसद (लगभग 14.50 लाख करोड़ रुपये) 500 व 1000 रुपये के नोट में है। दो दिन पहले सरकार ने संसद में बताया है कि 29 नवंबर तक 8.45 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोट वापस आ गए हैं। बैंकिंग सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार तक यह आंकड़ा 11 लाख करोड़ रुपये का हो चुका है। सरकारी आकलन को सही मानें तो अब नोटों की वापसी खत्म हो जानी चाहिए। पर सच्चाई यह है कि नोट वापसी अभी एक महीना और चलेगी। संभावना है कि प्रचलन में जितने भी बड़े पुराने नोट हैं वे सारे वापस आ जाएं। इसका सीधा सा मतलब यह होगा कि या तो काले धन का आकलन ही गलत था या फिर नोटबंदी के बाद काला धन रखने वालों ने इसे सफेद बना लिया। वजह जो भी हो, ऐसा हुआ तो राजनीतिक और आर्थिक दोनों मोर्चो पर सरकार को कुछ जवाब देने पड़ सकते हैं। विपक्षी दलों का हमला जहां तेज होगा वहीं वित्तीय स्तर पर सरकार कुछ फैसलों से चूक सकती है। 1नोटबंदी के सरकार के फैसले के प्रबल समर्थक व वित्त मंत्रलय के पूर्व सलाहकार व वरिष्ठ अर्थशास्त्री राजीव कुमार कहते हैं, ‘अगर प्रचलन से पूरी राशि बैंकों में आ जाती है तो यह किसी के लिए भी बुरी तरह से चौंकाने वाली बात होगी। इसका यह भी मतलब होगा कि काला धन रखने वाले सरकार से भी ज्यादा माहिर हैं और उन्होंने इस दौरान तमाम तरीकों से अपने पैसे को सिस्टम में भेज दिया। एक वजह यह भी हो सकता है कि रिजर्व बैंक के स्तर पर नोट मुद्रण का डाटा रखने में भी भारी गड़बड़ी हुई है। ऐसे में सरकार को बिना किसी देरी के राजनीतिक व नौकरशाही के स्तर पर होने वाले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कदम उठाना होगा। ल्ल शेष पेज 15 पर1जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी पर सवाल उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अब तक का सबसे तीखा वार किया है। राहुल ने कहा है कि प्रधानमंत्री अपनी ही छवि के गुलाम बन गए हैं। उनकी टीआरपी राजनीति का खामियाजा जनता को उठाना पड़ रहा है। 1शुक्रवार को राहुल ने सोनिया गांधी की गैरमौजूदगी में पहली बार कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अक्सर सवाल उठाते हैं कि कांग्रेस ने 60 साल में देश को क्या दिया? इसके जवाब में वह यही कहेंगे कि कांग्रेस ने ऐसा कोई प्रधानमंत्री नहीं दिया, जिसने अपनी छवि की खातिर जनता को मुसीबत में डाला। अपने ही पैसों के लिए मोहताज कर दिया। राहुल ने नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रतिकूल असर का आकलन नहीं करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ सरकार के सही कदम का कांग्रेस पूरी तरह समर्थन करेगी।

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