उमरेड करांडला के लिए दल रवाना, कल नवेगांव नागझिरा बाघ परियोजना का भी दौरा, एनटीसीए, डब्ल्यूआईआई, डब्ल्यूसीसीबी की है संयुक्त टीम
नागपुर : ‘जय’ (बाघ) की खोजबीन में सीबीआई जांच को नकारने के बाद एनटीसीए (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) 9 माह बाद इस मामले में फिर सक्रीय हुई है। केंद्र सरकार द्वारा तीन विभागों की एक टीम एमटीसीए के नेतृत्व में भेजी गई है। टीम में एनटीसीए, डब्ल्यूआईआई (वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) और डब्ल्यूसीसीबी (वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो) प्रत्येक से एक-एक अधिकारी की टीम ने उमरेड करांडला के मशहूर बाघ ‘जय’ की खोजबीन के लिए पूछताछ की।
दो िदन का दौरा
मिली जानकारी के अनुसार टीम में एनटीसीए के बंगलुरु के महानिरीक्षक पी. एस. सोमशेखर, डब्ल्यूआईआई के वैज्ञानिक डॉ. कमर कुरैशी और डब्ल्यूसीसीबी के ज्वाइंट डायरेक्टर कमल दत्ता का समावेश था। दो दिनों के जांच दौरे में टीम ने पहले दिन वन भवन स्थित प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) श्री भगवान से मिल कर जीरो माइल स्थित पेंच फील्ड डायरेक्टर से मुलाकात की। इसके बाद ‘जय’ के घर उमरेड करांडला वन्यजीव अभयारण्य में दौरे के लिए शाम को रवाना हो गई। शनिवार को यह टीम नवेगांव नागझिरा जाएगी। वहां भी जांच करेगी। इसके बाद अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी।
18 अप्रैल से है लापता
इस टीम ने जीरो माइल के पेंच टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एम.एस.रेड्डी से भी मुलाकात की। 9 माह बाद अचानक एनटीसीए का इस तरह सक्रीय होने से ‘जय’ का मामला फिर से हरा हो गया। बता दें कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सीआईडी की जांच नहीं शुरू हो पाई। इसी तरह सीबीआई ने भी मानव बल कम होने के कारण केस हाथ में लेने से इनकार कर दिया था। इससे मामला ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा था। हाल ही में केंद्र से एक अन्य टीम भेजे जाने की भी चर्चा जोरों पर रही, लेकिन वह अफवाह साबित हुई। शुक्रवार को आई इस तीन सदस्यीय टीम से विभाग को बहुत उम्मीदें लगी हुई हैं। 21 और 22 को दो दिन वे यहां ठहर कर ‘जय’ से जुड़े सारे मामलों की जांच करेंगे। बता दें कि जय 18 अप्रैल 2016 से उमरेड करांडला वन्यजीव अभ्यारण्य से लापता है। Bottom of Form