कैंब्रिज विश्वविद्यालय ने तलाशी जिले में अंतरराष्ट्रीय स्कूल की संभावना

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cambridgeनागपुर : कैंब्रिज विश्वविद्यालय के िवशेषज्ञाें की टीम ने जिले में अंतरराष्ट्रीय दर्जे की स्कूल की संभावना तलाशने के लिए जिला परिषद स्कूलों का दौरा किया। विद्यार्थी, शिक्षक और पालकों के साथ सीधे संवाद साधकर जानकारी जुटाई गई। जो जानकारी प्राप्त हुई, उसे राज्य सरकार के संबंधित िवभाग को सौंपी जाएगी। प्राप्त जानकारी और अंतरराष्ट्रीय स्कूल के िनष्कर्षों का तुलनात्मक अध्ययन कर सरकार आगे की नीति तय करेगी।

राज्य में जिला परिषद की 100 स्कूलों को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने का राज्य सरकार ने लक्ष्य रखा है। नागपुर से इसकी कवायद शुरुआत हुई है। जिले में संभावनाएं तलाशने की दृष्टि से कैंब्रिज विश्वविद्यालय के डेन ब्रे तथा दो संपर्क अधिकारियों ने हिंगना तहसील की नीलडोह तथा इंिदरा नगर जिला परिषद स्कूल व मनपा द्वारा संचालित िशवनगांव स्कूल का दौरा किया। स्कूलों में िवद्यार्थियों, शिक्षकों तथा पालकों के साथ सीधे संवाद साधा गया। इसके बाद रवि नगर स्थित राज्य िवज्ञान संस्था के संचालक तथा कर्मचारियों के साथ चर्चा कर उपलब्ध संसाधनों की जानकारी ली गई। दौरा समाप्त कर जिला परिषद के खेड़कर सभागृह में स्कूलों के डिजिटलाइजेशन की आवश्यकता के बारे में जानने का प्रयास िकया गया। भंडारा, गड़चिरोली और नागपुर जिले की जिला परिषद स्कूलों में िशक्षा िवभाग के केंद्र प्रमुख, िवस्तार अधिकारी तथा िशक्षकों ने चर्चा में हिस्सा लिया। उनसे स्कूलाें में उपलब्ध संसाधन तथा अभाव आदि की जानकारी ली गई। निरीक्षण दौरे पर आए डेन ब्रे के साथ विद्या प्राधिकरण पुणे के प्रतिनिधि िसद्धेश शर्मा उपस्थित थे।

जिला परिषद स्कूलों को गरीबों के बच्चे पढ़ते हैं। अभिभावकों की व्यस्तता तथा िनरक्षरता के कारण इन स्कूलों में गुणवत्ता के अभाव का रोना रोया जाता है। इस िचत्र को बदलने क िलए प्रगत शैक्षणिक महाराष्ट्र उपक्रम अंतर्गत स्कूलों की गुणवत्ता को बढ़ाने की दृष्टि से विविध उपाययोजनाएं की जा रही हैं। ज्ञान रचनावाद, िशक्षक प्रशिक्षण आदि उपाययोजनाओं पर अमल िकया जा रहा है। अब अंतरराष्ट्रीय दर्जे की िशक्षा उपलब्ध कराने की िदशा में सरकार ने कदम आगे बढ़ाए हैं। सरकार के इरादों को हकीकत में बदलने के लिए कैंब्रिज िवद्यापीठ का सहयोग मिल रहा है। शिक्षा उप संचालक अनिल पारधी, िजला शिक्षा अधिकारी दीपेंद्र लोखंडे, उप शिक्षा अधिकारी अनिल कोल्हे, विलास डोरर्लीकर, डायट प्राचार्य जनार्दन वाघमारे, सहायक कार्यक्रम अधिकारी प्रमोद वानखेड़े आदि थे।

 

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