कोलकाता पुलिस में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी, 2 गिरफ्तार

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कोलकाता : कोलकाता पुलिस में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी को अंजाम जेने के आरोप में पुलिस ने 2 युवकों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी कोलकाता पुलिस के बैंक फ्रॉड विभाग ने की है। अभियुक्तों के नाम शेख जरिस (21) व अशद मंडल उर्फ बंटी (21) हैं। दोनों अभियुक्त मेमारी के रहने वाले हैं। वहीं दिव्यांग होने की वजह से एक अभियुक्त देवेश वैद्य से पूछताछ के लिए उसे हिरासत में रखा गया है। घटना के संबंध में गत 14 मार्च को हेयर स्ट्रीट थाने में शिकायत दर्ज कराई गयी थी। मुख्य पीड़ित का नाम इंद्रनील हाजरा बताया गया है। वह मोतीझील का रहने वाला है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि अभियुक्त बेरोजगार युवकों को अपने झांसे में लेकर उन्हें कोलकाता पुलिस में नौकरी दिलाने का दावा करते थे। इसके एवज में अभियुक्त युवकों से लगभग 20 से 30 लाख रुपये तक लेते थे। रुपये लेने के बाद अभियुक्त युवकों को एक नियुक्ति पत्र देते थे जिसमें कोलकाता पुलिस का लोगो लगा हुआ रहता था। पुलिस सूत्रों के अनुसार दिव्यांग देवेश वैद्य घर पर बैठ कर गिरोह को ऑपरेट करता था। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस ठगी का मास्टरमाइंड देवेश है। बताया जा रहा है कि देवेश घर पर बैठ कर कोलकाता पुलिस की वेबसाइट को खंगालता था और वहां से पुलिस के विभिन्न पदों की जानकारी हालिस करता था। यह बात भी सामने आ रही है कि देवेश ही कोलकाता पुलिस का फर्जी लोगो बनाता था। नियुक्ति पत्र पर उस लोगो को लगा कर युवकों तक पहुंचाया जाता था। वहीं गिरफ्तार दोनों अभियुक्त नौकरी की तलाश कर रहे युवकों का पता लगाते थे और उन्हें कोलकाता पुलिस की उच्चतम पद पर नौकरी दिलाने का दावा करते थे। शिकायातकर्ता इंद्रनील को अभियुक्तों ने कोलकाता पुलिस की एसटीएफ विभाग में नौकरी दिलाने का दावा किया था। अभियुक्तों के पास से फर्जी दस्तावेज जब्त किये गये हैं जिनमें कोलकाता पुलिस के लोगो लगे हुए हैं।

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