क्या ईवीएम फिर बदनाम होगी ?

EVM.jpg

भारतीय राजनीती मे  आरोप-प्रत्यारोप और एक दुसरे पर काफी घटिया निचले स्तर के लांछन लगाने वाला दौर चल रहा है  | हालाकी राजनीती मे निचली  स्तर की घटिया बाते  कोई नयी बात नहीं है पर मीडिया के टीआरपी के लिए  सजग हो जाने के कारन आजकल ये बाते टीवी स्क्रीनों और सोशल मीडिया मे जम कर ट्रेंड करती है | राजनीती का घटिया स्तर ने सबसे ज्यादा नुकसान जो पहुचायी है वो लोकतंत्र के पावन पर्व चुनावों को पहुचायी है | आज कोई भी उम्मीदवार चुनाव हारने के बाद विनम्रता से अपनी हार स्वीकार  करने की जगह ईवीएम मे गड़बड़ी का आरोप  लगाता है | कल को जिसको एक वोट पाने की काबिलियत न होगी  वह  भी कही चुनाव हारने के बाद जीते हुए उम्मीदवार पर ईवीएम मे गड़बड़ी कर जितने का आरोप ना लगा दे |

ईवीएम पर बाज़ार  फिर गर्म है क्यूंकि कर्नाटका चुनाव के परिणाम १५ मई २०१८ को आने वाले | राजनैतिक पार्टिया या तो अपनी जीत हार  स्वीकार कर सकती है या फिर ईवीएम पर लांछन लगा अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हट सकती है |
अब जीत हार किसी की हो बदनामी तो ईवीएम को ही झेलनी पड़ेगी |

 

 

Share this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

scroll to top