…तो जल्द ही ATM, क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स बंद हो जाएंगे, वजह यह रहेगी

amitabh-kantनई दिल्ली: भारत में प्रौद्योगिकी का प्रसार दिनोंदिन हो रहा है. डिजिटल लेनदेन मोबाइल वॉलेट्स और बायोमीट्रिक माध्यमों के जरिये हो रहा है और निकट भविष्य में इसके और गति पकड़ने के पूरे आसार हैं. ऐसे में एटीएम, क्रेडिट, डेबिट कार्ड्स के चलन खत्म हो जाएंगे. यह कहना है नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत का. कांत ने शुक्रवार शाम यहां पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) की व्यापार और निवेश सेवा सुविधाएं (टीआईएफएस) लॉन्च करने के मौके पर कहा, “प्रौद्योगिकी का भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा.”
उन्होंने कहा, “भारत में फिजिकल बैंकिंग लगभग समाप्त हो चुकी है और यहां प्रौद्योगिकी का इतनी तेज रफ्तार से प्रयोग हो रहा है कि अगले तीन-चार सालों में डिजिटल लेनदेन मोबाइल वॉलेट और बायोमीट्रिक माध्यमों से ही होगा और एटीएम, क्रेडिट, डेबिट कार्ड्स का चलन पूरी तरह खत्म हो जाएगा.”
उन्होंने कहा कि दुनियाभर में छाई आर्थिक मंदी के बावजूद भारत का 7.6 प्रतिशत की दर से विकास हो रहा है. व्यापार के नियमों को आसान बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पिछले साल उन्होंने 1200 नियम खत्म किए हैं.
नीति आयोग के सीईओ ने कहा, “भले ही ट्रंप अमेरिकी अर्थव्यवस्था के संरक्षणवाद की बात करते हों, लेकिन यहां संरक्षणवाद की कोई चर्चा नहीं है. भारत वैश्वीकरण में यकीन रखता है और वह कभी भी संरक्षणवाद की बात नहीं करेगा. परिणामस्वरूप भारत ऐसी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा, जो निवेश और विकास को आकर्षित करेगा और आर्थिक सहभागिता का एक आकर्षक केंद्र बन जाएगा.”
कांत ने कहा, “भारत वैश्वीकरण में यकीन रखता है और वह कभी भी संरक्षणवाद की बात नहीं करेगा. परिणामस्वरूप भारत ऐसी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा, जो निवेश और विकास को आकर्षित करेगा और आर्थिक सहभागिता का उत्कृष्ट केंद्र बन जाएगा.” कांत ने कहा कि भारत कई प्रकार से नवाचार का केंद्र बन चुका है. उन्होंने कहा, “करीब 1500 कंपनियों ने हैदराबाद और बेंगलुरू में अपने नवाचार केंद्र खोले हैं. भारत सस्ती इंजीनियरिंग का केंद्र है.”
विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव अमर सिन्हा ने इस मौके पर कहा कि यह एक सकारात्मक संकेत है कि देश के राज्य विकास के मामले में एक-दूसरे के साथ प्रतियोगिता कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने साथ ही भारतीय उद्यमों को बाहर के देशों में भी संभावनाएं तलाशने की सलाह दी. उन्होंने कहा, “अफ्रीका और खाड़ी देशों में नई संभावनाएं हैं.” भारत में कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल ने इस मौके पर कहा कि भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंध इस समय सबसे अधिक मजबूत हैं. उन्होंने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जस्टिन टड्रो के बीच अच्छे तालमेल को देते हुए द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने पर जोर दिया. वहीं, अमेरिका के कार्यवाहक चीफ डी मिशन जॉर्ज एन. सिबली ने कहा कि भारत और अमेरिका के सहयोग से पूरी दुनिया को लाभ होगा. सिबले ने कहा, “हम मानते हैं कि भारत का विकास हमारे राष्ट्रीय हित में है.”

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