‘भारतीय’ शब्द का उपयोग करने वाली चैरिटी संस्थाओं को नोटिस

  • -धर्मादाय सह आयुक्त का आदेश, ‘भारतीय’ शब्द को हटाओ
    -सार्वजनिक न्यास पंजीयन कार्यालय ने शुरू की कार्रवाई

नागपुर। अब चैरिटी संस्थाएं अपने नाम में ‘भारतीय’ शब्द का उपयोग नहीं कर पाएंगी। जिन संस्थाओं के नाम में ‘भारतीय’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है, उन्हें धर्मादाय सह आयुक्त ने नोटिस जारी किया है। नोटिस में यह शब्द हटाने को कहा गया है। नई संस्थाओं के नाम में ‘भारतीय’ शब्द के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
क्या है परिपत्रक में

राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के सह सचिव व मुख्य राजशिष्टाचार अधिकारी शै.वि. बिजूर ने 26 दिसंबर 2005 को परिपत्रक जारी किया था। परिपत्रक क्रमांक में इमबी-1005/1440/30, 26 दिसंबर 2005 में कहा गया है कि सभी मंत्रालयों को सूचित किया जाता है कि संस्थाओं के नाम में ‘भारतीय’ शब्द के उपयोग की अनुमति नहीं है। इस बात का ध्यान रखा जाए कि राष्ट्रीय चिह्न और नाम दुरुपयोग प्रतिबंध कानून 1950 में प्रावधान का उल्लंघन न हो। परिपत्रक के अनुसार यह देखने में आया है कि कई संस्थाओं द्वारा \”भारतीय’ शब्द का उपयोग कर स्वयं को सरकारी दर्शाकर लोगों को भ्रमित किया गया। ‘भारतीय’ शब्द का दुरुपयोग टालने के लिए इसका उपयोग न किया जाए।
रख सकते हैं अपना पक्ष

सार्वजनिक न्यास पंजीयन कार्यालय द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के वर्ष 2005 के परिपत्रक का हवाला देते हुए कई संस्थाओं को नोटिस जारी किया जा रहा है। नोटिस में कहा गया है कि धर्मादाय सह आयुक्त का मौखिक आदेश है कि संस्था के नाम से ‘भारतीय’ शब्द हटाया जाए। इस संबंध में रिपोर्ट कार्यालय में पेश करने के आदेश भी दिए गए हैं। नोटिस में यह भी कहा गया है कि संस्था के पदाधिकारी अपना पक्ष धर्मादाय सह आयुक्त के समक्ष रख सकते हैं। पंजीयन कराए जाने के दशकों बाद ‘भारतीय’ शब्द हटाने संबंधी नोटिस मिलने से संस्था पदाधिकारी अचंभे में पड़ गए हैं। सार्वजनिक न्यास पंजीयन कार्यालय के अधीक्षक वी. चव्हाण ने बताया कि कार्यालय में नागपुर संभाग के पांच जिले नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, गड़चिरोली, भंडारा, गोंदिया की करीब 40 हजार संस्थाएं पंजीकृत हैं। ‘

इनको भी नोटिस :
नोटिस पाने वाली संस्थाओं में अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति भी शामिल है। इस संस्था को 25 अप्रैल को नोटिस भेजा गया है। समिति के कार्याध्यक्ष उमेश चौबे ने बताया कि संस्था का पंजीयन वर्ष 1982 में किया गया था। संस्था का उद्देश्य अंधश्रद्धा के खिलाफ जनजागरण और ढोंगी तथा पाखंडी बाबाओं को बेनकाब करना है।

नई संस्थाओं के नाम में सख्ती
राज्य सरकार के परिपत्रक पर अमल करते हुए जिन संस्थाओं के नाम में ‘भारतीय’ शब्द है, उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। अब नई संस्थाओं के नाम में यह शब्द नहीं होगा। -वी. चव्हाण, कार्यालय अधीक्षक, सार्वजनिक न्यास पंजीयन कार्यालय, सिविल लाइंस

विज्ञाननिष्ठ दृष्टिकोण से कार्य

हमारी संस्था विज्ञाननिष्ठ दृष्टिकोण से कार्य करती है। संस्था ने न कभी कोई गलत काम किया और न ही ‘भारतीय’ शब्द का दुरुपयोग किया। -उमेश चौबे, कार्याध्यक्ष, अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति नागपुर

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