मेयो डीन डॉ. गजभिये को एक दिन की पुलिस रिमांड

नागपुर : ड्रग सप्लायर से रिश्वत लेने के मामले में फंसीं इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) अस्पताल की डीन डॉ. मीनाक्षी गजभिये को नागपुर सत्र न्यायालय ने एक दिन की पुलिस रिमांड मंे भेजा है। डॉ. गजभिये की अग्रिम जमानत अर्जी पर कोर्ट ने गुरुवार को यह आदेश जारी किया। आरोपी की अर्जी मंे दलील दी है कि रिश्वत प्रकरण से उनका कोई संबंध नहीं है और वह निर्दोष हैं। सरकारी अधिवक्ता नितीन तेलगोटे ने इसका विरोध किया। कोर्ट को बताया कि पुलिस को डॉ. गजभिये के खिलाफ ठोस सबूत मिले हैं। डॉ. गजभिये का वॉयस सैंपल सबूत के तौर पर मौजूद है। अधिवक्ता तेलगोटे के अनुसार डॉ. गजभिये ने कारवाई के बाद अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड की है। अगर उन्हें अग्रिम जमानत दी जाती है, तो मामले की जांच प्रभावित हो सकती है। मामले के सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी को एक दिन की पीसीआर मंे भेजा है। ड्रग सप्लायर से 15 हजार की रिश्वत लेने के मामले में एसीबी ने डॉ.गजभिये के कार्यालय पर छापा मार कर उन्हें हिरासत में लिया था। पुलिस ने तहसील थाने में भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून के तहत धारा 7,12,13 (1)(डी) सह धारा 13(2) के तहत मामला दर्ज किया है।

पहले कहा, भूख नहीं है

रिश्वतखोरी प्रकरण की जांच कर रहे एसीबी के उपअधीक्षक दिनकर ठोसरे ने बताया िक आरोपी कोई भी हो, उसे लॉकअप मेन्यू के हिसाब से ही भोजन दिया जाता है। मेयो की डीन डा. मीनाक्षी गजभिये को सीताबर्डी थाना की लाॅकअप (हवालात) में रखा गया है। यहां पर महिला लॉकअप है। उन्होंने बताया िक हर थाने के लॉकअप के आरोपियों को भोजन सप्लाय करने वाला ठेकेदार होता है। वह जो भोजन परोसकर लाता है। वही भोजन को लॉकअप मेंे बंद आरोपी को दिया जाता है। कई बार आर%E

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