संसद में बोलीं सुषमा स्वराज- Pok के हर इंच पर भारत का अधिकार

संसद में जब पीओके के मुद्दे को उठाया गया तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पीओके के हर इंच पर भारत का अधिकार है।

संसद में जब पीओके के मुद्दे को उठाया गया तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पीओके के हर इंच पर भारत का अधिकार है।

नई दिल्ली :  विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोकसभा में बुधवार को कहा कि गिलगित, बाल्टिस्तान को पांचवा प्रांत बनाने के पाकिस्तान के कदम को भारत पूरी तरह से खारिज करता है। सुषमा ने कहा कि भारत इस संकल्प को दोहराता है कि पीओके, गिलगित, बाल्टिस्तान समेत पूरा का पूरा कश्मीर हमारा है। उन्होंने लोकसभा में साफ शब्दों में कहा कि ये सोचना गलत होगा कि भारत अपने किसी हिस्से को जाने देगा।

इससे पहले पीएम मोदी ने चिनैनी-नाशरी टनल के उद्घाटन के बाद रविवार को रैली में पीओके पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे पर सवाल उठाते हुए वहां की बदहाली का जिक्र किया था। बीजेडी के भर्तृहरि महताब द्वारा गिलगित, बाल्टिस्तान को पांचवा प्रांत बनाने के पाकिस्तान के कदम का मुद्दा उठाने पर विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार समेत पूरा का पूरा सदन इस भावना से संबद्ध करता है कि पूरा का पूरा कश्मीर हमारा है। गिलगित, बाल्टिस्तान को पाकिस्तान द्वारा पांचवां प्रांत बनाने की खबर आई तब भारत सरकार ने इसे बिना समय गंवाए खारिज कर दिया था। सुषमा स्वराज ने कहा कि कश्मीर के बारे में लोकसभा और राज्य सभा दोनों में प्रस्ताव पारित है, संसद ने प्रस्ताव पारित किया है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके), गिलगित, बाल्टिस्तान समेत पूरा का पूरा कश्मीर हमारा है। सुषमा ने कहा कि आज जिसकी सरकार है, उस पार्टी का तो नारा ही रहा है जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है, जो कश्मीर हमारा है, वो सारा का सारा है। विदेश मंत्री ने कहा कि संसद का संकल्प तो है ही और हम तो खुद के संकल्प से भी बंधे हुए हैं। पाकिस्तान द्वारा गिलगित, बाल्टिस्तान को पांचवां प्रांत बनाने को हम अस्वीकार करते हैं।इससे पहले शून्यकाल के दौरान बीजेडी के महताब ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान की सरकार ने गिलगित, बाल्टिस्तान को अपना पांचवां प्रांत घोषित किया है। कश्मीर, गिलगित, बाल्टिस्तान राजशाही क्षेत्र रहे थे. गिलगित और बाल्टिस्तान की व्यवस्था देखने वाले एक अंग्रेज अधिकारी ने पाकिस्तान को वहां फौज भेजने की अनुमति प्रदान की थी।

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