सीरिया में रासायनिक हमलों से दांव पर हैं आम नागरिकों की जिंदगी

syriaसीरिया : सीरिया में मंगलवार को किए गए रासायनिक हमले में 100 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में दर्जनों बच्चे हैं। करीब 400 लोग जख्मी हैं। हमला विद्रोहियों के प्रभाव वाले इदलिब प्रांत के खान शेखहुन शहर में किया गया। यूनियन ऑफ मेडिकल केयर ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार सुबह के वक्त शहर के एक रिहायशी इलाके में करीब 40 बार हवाई हमले किए गए।

सीरिया में चल रहे सिविल वॉर के दौरान कई बार रासायनिक हमले किए जा चुके हैं। सीरिया के विद्रोहियों का कहना है कि सरकार की ओर से लड़ रहा गुट खौफ बनाने के लिए केमिकल बम इस्‍तेमाल कर रहा है। इन बमों से क्‍लोरीन तथा कई दूसरी घातक गैसें निकलती हैं, जिनसे इसके प्रभाव वाले क्षेत्र में लोगों की मौत हो जाती है। दूसरी ओर सीरियाई सरकार ने आरोप को खारिज किया है।

आइए आपको बताएं कि पहले कब और कितनी बार सीरिया पर रासायनिक हमले हो चुके हैं:

अगस्‍त 20, 2012: पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था कि केमिकल हथियार इस्‍तेमाल करने से पहले से पहले कई बार सोचना चाहिए। क्‍योंकि इसका असर व्‍यापक पैमाने पर होता है तथा इसकी ज़द में आम लोग भी आ जाते हैं।

मार्च 19, 2013: उत्‍तरी सीरिया के खान अल-अस्‍ल में किए गए एक रासायनिक हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसमें एक दर्जन सीरियाई सरकार के सैनिक थे। यूनाइटेड नेशंस की जांच में पता चला था कि इस हमले में नर्व गैस सैरिन का उपयोग किया गया था। हालांकि हमला किसने किया था, यह कोई नहीं जान सका था।

अगस्‍त 21, 2013: सीरिया की राजधानी में रासायनिक हमले की वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। यूनाइटेड नेशंस की जांच में पता चला था कि जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल में सैरिन भरकर नागरिक क्षेत्र पर हमला किया गया था। अमेरिका ने कहा था कि यह हमला सीरिया की सरकार ने करवाया था।

अगस्‍त 31, 2013: सीरियाई नागरिकों पर लगातार हो रहे रासायनिक हमले के बाद तत्‍कालीन अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने सीरियाई सरकार के प्रतिष्‍ठानों पर हमला करने के लिए अमेरिकी संसद कांग्रेस में प्रस्‍ताव रखा था। लेकिन पर्याप्‍त समर्थन न मिलने की वजह से यह निरस्‍त हो गया था।

अक्‍टूबर 14, 2013: सीरिया को रासायनिक हथियार बनाने, उसका स्‍टॉक बनाने और उपयोग करने की अनुमति मिल गई।

अगस्‍त 7, 2015: यूनाइटेड नेशंस सिक्‍योरिटी काउंसिल की एक टीम को सीरिया में रासायनिक हथियारों के इस्‍तेमाल की जांच के लिए भेजा गया। कई रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि सीरिया के नियंत्रण वाले स्‍थानों पर बार-बार क्‍लोरीन गैस से हमला किया जा रहा है। हालांकि क्‍लोरीन गैस को नर्व गैसों के बराबर जहरीला नहीं माना जाता है, लेकिन इसके उपयोग की मात्रा पर इसका दुष्‍प्रभाव निर्भर करता है।

अगस्‍त 24, 2016: यूएन की जांच में पता चला कि सीरियाई सरकार ने विरोधियों पर हमले के लिए क्‍लोरीन गैस से भरे हेलिकॉप्‍टर तैनात किए थे। खासतौर पर उत्‍तरी इदलीब प्रांत में इसका सबसे ज्‍यादा प्रयोग किया गया था। आतंकी गुट आईएसआईएस ने भी रासायनिक हमलों के लिए मस्‍टर्ड गैस का उपयोग किया है।

फरवरी 28, 2017: सीरियाई सरकार का सहयोग कर रहे रूस ने चीन के साथ मिलकर सीरिया पर रासायनिक हथियारों के उपयोग पर लगने वाले प्रतिबंध के खिलाफ वीटो का इस्‍तेमाल किया था।

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