सुरक्षा शुल्क चुकाने में बीसीसीआई ने की टालमटोल

  • -वीसीए ने हाईकोर्ट में दी जानकारी
  • -जिलाधिकारी को बनाया प्रतिवादी, नोटिस भी जारी
  • -वर्ष 2010-16 के बीच हुए क्रिकेट मैचों में पुलिस सुरक्षा शुल्क का मामला

नागपुर : क्रिकेट मैचों के दौरान पुलिस सुरक्षा शुल्क अदा न करने के मामले में घिरे विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन (वीसीए) ने गुरुवार को हाईकोर्ट मंे अपना जवाब प्रस्तुत किया। वीसीए ने पुलिस सुरक्षा शुल्क बकाया रखने का आरोप भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड पर मढ़ा।

वीसीए ने अपने शपथपत्र में कोर्ट को बताया कि जामठा स्टेडियम मंे वर्ष 2010-2016 के बीच हुए क्रिकेट मैचों की पुलिस सुरक्षा के बदले शुल्क अदा करने के लिए बीसीसीआई को बार-बार जानकारी दी गई। मगर बीसीसीआई ने ही सुरक्षा शुल्क भरने में टालमटोल की। हाईकोर्ट में परमजीत सिंह कलसी ने जनहित याचिका में वीसीए पर शुल्क अदायगी में लापरवाही का आरोप लगाया था। याचिकाकर्ता के अनुसार वीसीए पर 7.78 करोड़ रुपए का शुल्क बकाया है। इसके जवाब मंे वीसीए ने इसका विरोध करते हुए बताया कि उनपर 4.50 करोड़ रुपए का शुल्क बकाया था, जिसमंे से वीसीए ने 3.20 करोड़ रुपए अदा भी कर दिए हैं। वीसीए पर महज 1.20 करोड़ रुपए का शुल्क बाकी है। नागपुर ग्रामीण पुलिस ने वीसीए से शुल्क मंे से 89 लाख रुपए मांगे हैं। इसमें से फिलहाल 37 लाख रुपए अदा करने के लिए वीसीए तैयार है। हाईकोर्ट ने वीसीए को 37 लाख रुपए एक सप्ताह मंे भरने के आदेश दिए हैं। बीसीसीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एम.जी.भांगडे, वीसीए की ओर से अक्षय सुदामे और याचिकाकर्ता की ओर से अधवक्ता हर्निष गढ़िया ने पैरवी की।

 

जिलाधिकारी को भी नोटिस

इस मामले में आखिर वीसीए पर कितने रुपए का शुल्क बकाया है, इसपर पेंच कोर्ट में फंस गया है। लिहाजा हाईकोर्ट ने इस मामले में जिलाधिकारी को प्रतिवादी बनाने के आदेश दिए। कोर्ट ने जिलाधिकारी को नोटिस जारी कर बकया राशि की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया है।

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