नागपुर। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक-2016 में कई और संशोधनों को मंजूरी देने के बाद अब यह अधिनियम और भी कठोर बन गया है। नए अधिनियम के मुताबिक नशे में ड्राइविंग करने वालों पर पहले से पांच गुना ज्यादा 10,000 रुपये का जुर्माना बसूला जाएगा। यदि नशे में ड्राइविंग करते हुए किसी की मौत होती है तो ड्राइवर को 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। साथ ही गैर-जमानती अपराध के तहत आरोपी को बुक किया जाएगा। गौरतलब है कि मोटर वाहन अधिनियम 1989 करीब 30 साल पुराना कानून है। अब विधेयक के जरिये इस कानून में कई अहम बदलावों का प्रस्ताव किया गया। केन्द्रीय सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश में करीब 30 फीसदी ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी हैं। गडकरी ने यहां ‘स्मार्ट इंडिया हेकाथन-2017’ के फाइनल के दौरान अपने संबोधन में कहा कि जल्द ही देश में ई-गवर्नेंस के तहत ड्राइविंग लाइसेंसों का इलेक्ट्रिॉनिक पंजीकरण किया जाएगा। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) के लिए भी तीन दिन में ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना अनिवार्य बनाया जाएगा। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
विधेयक के जरिये इस कानून में कई अहम् बदलावों का प्रस्ताव किया गया है जिससे इस ड्राइविंग के नियमों को तोडऩे वालों की खैर नहीं होगी। विधयेक में जिन प्रस्तावों को मंजूर किया गया है उनके अनुसार— किशोर को कार सौंपने वाले कार मालिकों के वाहन का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। यदि किशोर द्वारा कार चलाते समय कोई दुर्घटना होती है तो किशोर के परिवार को 25,000 रुपये तक जुर्माना या तीन साल की जेल व दोनों हो सकते हैं। वहीं दूसरी ओर शराब पीकर गाडी चलाने पर 2 हजार की जगह 10 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। हेलमेट न लगाने पर 2500 रुपये व लाल बत्ती तोडने पर 1000 रुपये जुर्माना देना होगा साथ ही तीन महीने के लिए लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। कार में बैठने पर सीट बेल्ट न लगाने पर 1000 रुपये और वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात करने पर 5,000 रुपये जुर्माना होगा। लाइसेंस भी रद्द हो सकता है। हिट और रन के मामले में मौत होने पर मुआवजा 2 लाख रुपये और चोट लगने पर 50,000 रुपये का मुआवजा देना होगा। सरकारी कर्मचारियों के नियम तोडने पर 2 गुना जुर्माना भरना होगा।