नागपुर से भागे कोरोना मरीज, बैतुल में पकड़े गए

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बिहार के रहने वाले मरीजों को नागपुर के अस्पताल में कराया गया था भर्ती, कुल 5 लोग अस्पताल से पहुंचे स्टेशन और संघमित्रा एक्सप्रेस में हो गए सवार, इसमें से 3 पॉजिटिव थे, रेल पुलिस को सूचना मिली तो बैतुल रेलवे स्टेशन पर उतारा गया

नागपुर। कोरोना के मरीज अपनी हरकतों से प्रशासन की परेशानी और बढ़ा रहे हैं। दो दिन पूर्व नागपुर में कुछ इसी तरह की घटना हुई। अस्पताल प्रशासन तो मामले पर पर्दा डालता रहा, पर रेलवे ने हकीकत बयां कर दी। नागपुर के मेयो अस्पताल में 5 मरीज भर्ती थे। इसमें 3 कोरोना के मरीज थे। दरअसल, इन पांचों को करीब छह दिन पहले सिकंदराबाद-दानापुर एक्सप्रेस से नागपुर में उतारा गया था। एक महिला यात्री को प्रसव पीड़ा की सूचना मिली तो इनको नागपुर के मेयो अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। मौका देखकर यहां से फरार हो गए। खास बात यह कि इनके पास संघमित्रा एक्सप्रेस का कनफर्म टिकट भी था। बहरहाल, इन सबको बैतुल रेलवे स्टेशन पर उतारा गया और फिर नागपुर लाया गया।

सक्रिय हुआ रेल प्रशासन : जैसे ही जानकारी मिली कि पांच कोरोना मरीज किसी अस्पताल से भाग कर नागपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे हैं और उनके पास संघमित्रा का कंफर्म टिकट है, रेल प्रशासन सक्रिय हो उठा। तमाम तकनीकी साधनों का इस्तेमान करते हुए पता लगाने में सफलता मिली कि वह उक्त ट्रेन से रवाना हो चुके थे। रेल महकमे ने बैतुल से संपर्क किया और उन्हें वहां उतार कर अस्पताल भेजा गया। रविवार को दोपहर में मेयो का एक सुरक्षाकर्मी स्टेशन पर पहुंचा और उसने एक सूची दी। साथ ही बताया कि अस्पताल के 5 मरीज भाग गए हैं। इनमें से 3 कोविड पॉजिटिव हैं। जानकारी मिलने के बाद अारपीएफ ने सीसीटीवी फुटेज चेक किए, जिसमें परिवार नजर आया। वह कहां जा रहे हैं, इसका पता लगाने के लिए प्रवेश द्वार पर लगाई गई ‘आत्मा’ प्रणाली और सीसीटीवी का उपयोग किया गया। पता चला कि सभी के पास संघमित्रा एक्सप्रेस का कंफर्म टिकट है। सभी ट्रेन में बैठ गए थे और ट्रेन नागपुर स्टेशन से रवाना हो चुकी थी। तुरंत ट्रेन की लोकेशन की पता करने के निर्देश दिए। ट्रेन बैतुल पहुंचने वाली थी। वहां के आरपीएफ स्टाफ को जानकारी दी गई। ट्रेन के वहां पहुंचते ही सभी को उतार लिया गया और एंबुलेंस बुलाकर वहां के अस्पताल भेजा गया। वहां से नागपुर कैसे लाया जाएगा, इसका निर्णय प्रशासन करेगा।

महिला को होने लगी प्रसव पीड़ा : आरपीएफ कमांडेंट आशुतोष पांडे के अनुसार, 3-4 दिन पहले सिकंदराबाद-दानापुर एक्सप्रेस से पांच सदस्यों के एक परिवार को नागपुर रेलवे स्टेशन पर उतारा गया था। परिवार की एक महिला को प्रसव पीड़ा हो रही थी। इलाज के लिए उन्हें मेयो भेजा गया। वहां उसकी डिलीवरी हुई, लेकिन कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार, कोरोना की भी जांच की गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

हमारा सुरक्षाकर्मी स्टेशन पर गया ही नहीं : हमारे अस्पताल में बिहार के कोई मरीज नहीं थे। यदि उनके नाम मिलते तो हम और जानकारी निकाल सकते हैं। इसके अलावा, हमारा कोई भी सुरक्षाकर्मी नागपुर रेलवे स्टेशन पर नहीं गया था। हो सकता है वह दूसरे कोविड सेंटर में भर्ती हो। -डॉ. अजय केवलिया, डीन, मेयो अस्पताल

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