भारतीय सेना ने भारत-म्यांमार बॉर्डर के आस-पास बड़ी कार्रवाई की। यह कार्रवाई विद्रोहियों के कैंप पर की गई थी। कार्रवाई 27 सितंबर को सुबह की गई थी। ईस्टर्न कमांड की तरफ से जारी बयान में उन खबरों को गलत बताया गया जिनमें भारतीय सेना के जवानों के भी घायल होने की बात कही जा रही थी। खबरों के मुताबिक, इसे सर्जिकल स्ट्राइक नहीं कहा जा सकता।
ईस्टर्न कमांड द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सुबह-सुबह आर्मी के कुछ जवान भारत-म्यांमार बॉर्डर के पास थे उस वक्त उन्होंने कुछ संदिग्ध गतिविधि दिखने पर अनजान विद्रोहियों पर गोलियां चलाईं। भारतीय आर्मी ने साफ किया है कि हमारे सैनिकों ने इंटरनेशनल बॉर्डर को पार नहीं किया था। आर्मी ने बताया कि सेना द्वारा हुई फायरिंग की वजह से विद्रोही वहां से भाग गए थे।
इससे पहले 10 जून 2015 को भारतीय आर्मी ने म्यांमार में घुसकर नागा विद्रोहियों पर कार्रवाई की थी। दरअसल, उससे छह दिन पहले NSCN(K) के विद्रोहियों ने आर्मी के काफिले पर हमला किया था। जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे।