लोकसभा 2019 : कमजोर हुयी है मोदी लहर पर विपक्ष के पास भी मुद्दे नहीं

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लोकसभा 2014 के समय जो उत्साह वोटरों मे देखने को मिल रहा था वो लोकसभा 2019 मे देखने को नहीं मिल रहा है | इसे सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की कमी मानी जाएगी | देश मे हो रहे कई ओपिनियन पोल्स मे जहा बीजेपी को 30-40 सीटों के नुकसान दिखलाया जा रहा है वही विपक्ष भी सत्ता से काफी दूर दिखलाई दे रही है | फिर भी राजग एक बार फिर से सत्ता पर काबिज़ होते दिखलाई पर रही है |

इस चुनाव मे  “मैं भी चौकीदार” ,“चोकीदार चोर है” , “राहुल का खानदान चोर ” जैसे मुद्दें लोगों को मुलभुत मुद्दों  से काफी दूर ले जा रही है | जहा मोदी सरकार अपने पिछले 5 सालों मे किये गये विकाश कार्यो के जगह पर  “मैं भी चौकीदार”  को लेकर कैंपेन कर रही है वही “मंदिर वही बनायेंगे तारिख नहीं बतायेंगे ”  का नारा जो कांग्रेस के द्वारा दिया गया है वो कांग्रेस पार्टी के गले का फाश बन गयी है क्यूंकि इन्टरनेट के इस युग मे सभी जानते है कि वरिस्ट कांग्रेस नेता और पूर्वमंत्री कपिल सिब्बल राम मंदिर न बनने का सबसे बड़ा कारन है | ये चुनाव एक तरह से 60 साल विरुद्ध 10 साल के कार्यकाल पर लड़ा जा रहा है  क्युकि बीजेपी से कुछ भी प्रशन किये जाने पर वो नेहरु को ही जिम्मेवार बताते है | वैसे  कश्मीर और चीन से जुडी समस्याओं पर बीजेपी ने कांग्रेस को पहले से ही घेर रखा है | अब आता है निजी स्वार्थ के लिए बने छोटे छोटे गठबंधन जिनकी आपसी फुट हर दूसरे दिन अखबारों की सुर्खिया बटोर रही है | कभी एक दुसरे की खून की प्यासी रही है सपा-बसपा  आज गठबंधन कर सतारूढ़ पार्टी के सामने खड़ी है | ऐसे गठबंधन  बड़े नेताओं को पसंद आते है अक्सर बूथ कार्यकर्ता इसे नकार देता है |

अब तो देश और इन पार्टियों को भविष्य 23 मई को तय होगा | तब तक सारे लोग अपनी दावेदारी पेश कर सकते है |

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