हाल ही मे पेट्रोल डीजल के दामों मे बेतहाशा वृद्धि हुई है | लोगों को कर्नाटका चूनावो के दौरान 19 दिनों तक राहत मिली थी मगर कर्नाटका चूनावो के समाप्ति के बाद एक ही सप्ताह मे पेट्रोल डीजल के दामों मे दो बार बढोतरी की गयी | चुनावी विश्लेषकों का मानना है की वो 19 दिनों की राहत तत्कालीन राजनैतिक लाभ के लिए दिया गया था | राजग (NDA) की सरकार आने के साथ ही दाल के दामों पे नियंत्रण नहीं रख पाई थी और दाल के दाम 200 रुपये के करीब चले गयी थी | राजग (NDA) की सरकार मे मध्यमवर्ग जिन चीजों के दामों से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है जैसे की घरेलु गैस ,मिट्टी का तेल , पेट्रोल ,डीजल ,सरसों तेल इत्यादि के दामों पे लगाम नहीं लगा पायी है अब अगर इसका तर्क ये दिया जाये की जब कांग्रेस की सरकार थी तो भी इन वस्तुओं के दामों मे ऐसा ही इजाफा हुआ था तो २०१४ मे सरकार बदलने की जरुरत ही नहीं थी |
पेट्रोल डीजल के दाम मे अगर इस प्रकार की बढ़ोतरी जारी रही तो निश्चित रूप से 2019 लोकसभा मे राजग (NDA) सरकार की विदाई तय है |