भारतीय राजनीति का परिवारवाद से एक अदभुत लगाव है | भारत की राजनीति मे परिवारवाद का परचम पूरा लहराता है कई राजनैतिक पार्टी एक परिवार तक सिमट कर रह जाती है | ऐसी राजनैतिक संगठनो मे एक कार्यकर्ता को सदैव मालूम रहता है कि अध्यक्ष के बाद उनका बेटा फिर उनका पोता पार्टी का नेतुत्व करेगा ,ऐसी पार्टी के कार्यकर्ता अपनी महत्वाकांक्षा और इच्छा का विश्रजन पार्टी से जुड़ने से पहले कर चुके होते है | हलाकि अमेरिका मे भी पिता जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश के बाद बेटा जॉर्ज डबल्यू बुश राष्ट्रपति बने थे पर सत प्रतिशत अपनी काबिलियत से | किसी भी मीडिया घराने या उनके राजनैतिक शत्रुओ ने भी परिवारवाद का आरोप उनपर नहीं लगाया क्युकि जॉर्ज डबल्यू बुश ने अपनी काबिलियत से वो स्थान हाशिल किया था |भारतीय राजनीति मे गाँधी परिवार और कांग्रेस पार्टी पर परिवारवाद और वंशवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता है अगर आप ऊतर प्रदेश मे मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी , बिहार मे बिहार मे लालू यादव का राजद को देखे तो वहा भी परिवारवाद का घिनौना सच देखने को मिलता है | कई और राजनैतिक पार्टियो ने भी अपनी परिवार का पार्टी मे जुगाड़ लगाने का पूरा प्रयास किया है |
अचानक परिवारवाद का याद हमे रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह के लिए आया जो की बाहुबली नेता अखिलेश प्रताप सिंह की लड़की है उनसे एक साक्षात्कार मे पूछा गया की आपके पिता को डॉन ,बाहुबली आदि नामों से संबोधित किया जाता है इसपर उनका जवाब था मे तो अपने पापा को डैड कहती हूँ| लोग मुस्कुराये उनका जवाब सुनकर मगर ये मुस्कान उनके जवाब पर नहीं उनकी राजनैतिक सुझबुझ पर था | एक तरह से अदिति सिंह का अंदाज बचपना वाला था कोई भी शिक्षित इंसान उन्हें कभी अपना नेता न मने पर हम उसी देश के वासी है जहा लालू प्रसाद यादव जैसे लोग भी मुख्यमंत्री रह चुके है |अदिति सिंह फिर भी अब तक साफ सुथरी छवि वाली है | काफी पढ़ी लिखी अदिति सिंह मे सारी काबिलियत है की वो एक विधायक बने पर शायद उनके पिता का नाम उनसे हटा लिया जाये तो चंद गिने चुने लोग भी उनके साथ न दिखाई पड़े |
जहा लोगो मे काबिलियत ग्राम प्रधान बनने की नहीं वो लोग विधायक सांसद कैसे बन जा रहे है | इन्हें विधायक सांसद बना कौन रहा है डरे हुए लोग ,नासमझ लोग , या नेता का जात धर्म देखने वाले लोग ?
एक बार एक राजनैतिक व्यंग मे पढ़ा की कल चुनाव है अपना नेता चुने जीजा नहीं ..