बड़प्पन (श्रेष्ठता) का मानदंड क्या है?

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बड़प्पन या श्रेष्ठता का मानदंड वर्णाश्रमों के आधार पर सुनिश्चित किया गया है । केवल आयु में बड़ा होने पर व्यक्ति श्रेष्ठ ( आदरणीय ) नहीं हो जाता । भारतीय शास्त्रों ने समाज में चार वर्ण व्यवस्था की है । उन्ही के अनुसार श्रेष्ठता या बड़प्पन को मान्यता मिली है।

ब्राह्मण वर्ण में वही व्यक्ति श्रेष्ठ माना गया है, जो वेदपाठी, ज्ञानवान व विद्वान है । क्षत्रिय वर्ण में वही व्यक्ति पूजनीय है जो पराक्रमी व शौर्यवान है । वैश्य वर्ण में वही श्रेष्ठ व पूज्य है जो अकूत संपत्ति व व्यवसाय का मालिक है , ऐश्वर्य जिसका अनुचर है ।शुद्र वर्ण में वही श्रेष्ठ है, जो आयु में श्रेष्ठ है ।

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