झारखंड के जामताड़ा को साइबर क्राइम का मुख्यालय कहा जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है। यहां से पूरे देश में साइबर अपराध को अंजाम दिया जाता है। करीब-करीब हर साइबर अपराध के तार यहीं से जुड़ते हैं। यहां के 90 फीसदी युवा इसी अवैध धंधे में हैं। उधर, आधिकारिक तौर पर यह भी बात सामने आई है कि लॉकडाउन में साइबर अपराधों में 200 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। शायद ही कोई शहर हो, जहां रोज साइबर अपराध के 4-5 मामले दर्ज न होते हों। इसके अलावा बड़ी संख्या में ऐसे भी मामले होते हैं, जो कहीं दर्ज ही नहीं होते। रांची : हेलो सर, मैं बैंक मैनेजर बोल रहा हूं… आपका अकाउंट बंद होने जा रहा है… जल्दी से अपडेट करवाएं… साइबर अपराधी राजेश मंडल ने जामताड़ा (झारखंड) के एसपी दीपक कुमार सिन्हा के सामने यह डेमोंस्ट्रेशन दिया. किस तरह लोगों को अपने झांसे में लेकर उनके खाते से पैसे उड़ा लेता है, इसके बारे में जानकारी दी. उसने बताया कि उसके गांव के 90 प्रतिशत युवा साइबर अपराध से जुड़े हैं. गांव का नाम है सियाटांड़. साइबर अपराधी राजेश मंडल और सुशील मंडल सगे भाई हैं. वर्ष 2015 से साइबर अपराध के जरिये लोगों के बैंक अकाउंट खाली कर रहे हैं. दोनों भाई जेल भी जा चुके हैं. राजेश और संजय सहित 9 साइबर अपराधी शनिवार को जामताड़ा साइबर थाना पुलिस के हत्थे चढ़े. एसपी ने बताया कि गिरफ्तार किये गये साइबर क्रिमिनल्स में से अधिकतर का पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड है.
एसपी ने बताया कि साइबर थाना पुलिस को लगातार सफलता मिल रही है. शनिवार को करमाटांड़ थाना क्षेत्र के सियाटांड़ गांव से 9 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. इनके खिलाफ जामताड़ा के साइबर थाना में आइटी एक्ट एवं आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. इनके पास से 9 मोबाइल फोन, एक मोबाइल का डिब्बा, 10 सिम कार्ड तथा एक आधार कार्ड बरामद हुए हैं.
एसपी श्री सिन्हा ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर सियाटांड़ में साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए साइबर डीएसपी सुमित कुमार की अगुवाई में टीम गठित कर छापेमारी करायी गयी. इसमें विनोद मंडल, पन्नालाल मंडल, दिलीप मंडल, रोबिन मंडल, विवेश मंडल, राजेश मंडल, भीम मंडल, राजेश मंडल तथा सुशील मंडल पुलिस के हत्थे चढ़ गये.
एसपी ने बताया कि इन सभी अपराधियों का पुराना आपराधिक इतिहास भी है. उन्होंने कहा कि साइबर अपराध के विरुद्ध अभियान को और तेज किया जायेगा. एसपी ने कहा कि पुलिस सभी साइबर क्रिमिनल्स का इतिहास खंगालने में जुटी है. साइबर क्रिमिनल्स ने ठगी के जरिये लाखों की संपत्ति अर्जित की है. 50 प्रतिशत पर करते हैं काम : राजेश मंडल ने बताया कि वह 50 प्रतिशत पर काम करता है. साइबर फिशिंग का पैसा एक अकाउंट में भेजा जाता है. जिसके खाते में पैसे जाते हैं, वह 50 प्रतिशत यानी आधा पैसे अपने पास रख लेता है और आधा साइबर क्राइम से जुड़े लोगों को दे देता है. सारा डील फोन पर हो जाता है. सामने वाला अपना नाम गुप्त रखता है. राजेश ने बेझिझक बताया कि गांव के 90 प्रतिशत युवा इस अपराध में लिप्त हैं.