बिहार : …अब खुलेंगे स्कूल, सप्ताह में दो दिन ही बच्चे जा पाएंगे

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लंबे इंतजार के बाद स्कूल खोलने को लेकर सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो 9वीं से 12वीं तक के स्कूल 28 सितम्बर से खुलेंगे। खास बात यह है कि सरकार ने दिशा-निर्देश तो जारी कर दिए हैं, पर इसका कड़ाई से पालन कितना होगा, यह आप-हम जानते हैं। नियम तो कागजों में दफन होने के लिए बनते हैं। ऐसा ही कुछ और नियम बना दिए गए हैं। नियमों में बड़ी-बड़ी बातें हैं। परिसर को सैनिटाइज करना, कम स्टाफ बुलाना, मास्क लगाकर ही प्रवेश देना आदि-आदि। हकीकत में इन नियमों का पालन तो होने से रहा। न ही अभिभावक इतने सजग हैं, न ही स्कूल प्रबंधन। कदम-कदम पर स्कूल प्रबंधन अपना खर्च बचाने के जुगत में रहता है। फिर इस कोरोनाकाल में नियमों के पालन के नाम पर अतिरिक्त धन भला प्रबंधन क्यों खर्च करने लगा। बहरहाल, स्कूल तो खुलने वाले हैं। अब रिस्क आपको और आपके बच्चे को है। 

पटना। बिहार में अब 9वीं से 12वीं तक के स्कूल 28 सितम्बर से खुलेंगे. वहीं कंटेंनमेंट जोन के स्कूलों को बंद करने का ही निर्णय लिया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से मंगलवार को जारी बयान के मुताबिक, एक बच्चा सप्ताह में दो दिन ही स्कूल जाएगा. वहीं, एक दिन में स्कूल के आधे ही शिक्षक स्कूल आएंगे. अभिभावक अपने बच्चों को यदि स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं तो उन पर स्कूल की ओर कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा. शिक्षा विभाग जल्द ही विस्तृत गाइडलाइन जारी करेगा.
वहीं कोरोना संकट में अभिभावक मार्गदर्शन क्लास के लिए भी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं. राजधानी पटना के स्कूलों के 80 से 85 फीसदी अभिभावकों ने बच्चों को भेजने से इनकार कर दिया है. अभिभावक फिलहाल ऑनलाइन क्लास से ही बच्चे की पढ़ाई चाहते हैं. दरअसल, मार्गदर्शन के लिए 21 सितंबर से स्कूलों को खोलने की छूट दी गई है. स्कूलों ने इसकी तैयारी की है. राजधानी के स्कूलों ने अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने की राय मांगी थी. इसमें 85 फीसदी अभिभावक से साफ मना कर दिया है. सेंट जेवियर्स हाई स्कूल की बात करें तो 9वीं और 10वीं के कुल 297 बच्चों के अभिभावकों से फीडबैक लिया गया. इसमें दो सौ बच्चों के अभिभावकों ने भेजने से मना कर दिया.
डाउट क्लास के लिए शेड्यूल जारी : जिन विद्यार्थियों ने स्कूल आने की हामी भरी है, उनके लिए स्कूलों ने डाउट क्लास का शेड्यूल जारी किया है. इस शेड्यूल में हर दिन अलग-अलग बच्चों को बुलाया जायेगा. इंटरनेशनल स्कूल की बात करें तो एक दिन में दस से ग्यारह विद्यार्थी ही आयेंगे. वाल्डविन एकेडमी में पहले दिन पांच बच्चों को बुलाया जायेगा. डाउन क्लास के लिए हर स्कूल में 50 फीसदी शिक्षकों को भी बुलाया जायेगा.
विद्यार्थी के लिए गाइडलाइन :
स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें
अपने पेन, पेंसिल, कॉपी, किताबें आदि किसी से साझा नहीं करें
प्रैक्टिकल क्लासेस अभी नहीं होंगी
स्कूल में इधर-उधर नहीं घूमें
मास्क लगाकर स्कूल परिसर में रहें
सैनिटाइजर साथ में रखें
इन लोगों को नहीं मिलेगा प्रवेश
बुर्जुग शिक्षक या बुर्जुग स्टॉफ को नहीं बुलाया जायेगा
क्वारेंटाइन जोन वाले इलाके के छात्र और शिक्षक नहीं आएंगे स्कूल
सर्दी जुकाम वाले छात्रों को आने की मंजूरी नहीं
एलर्जी का लक्षण वाले शिक्षक स्कूल नहीं आएंगे
जिन शिक्षक या छात्र के परिवार या आस-पड़ोस में किसी को कोरोना हुआ है तो वो नहीं आयेंगे
स्कूलों में ये है तैयारी
स्कूल परिसर को कई बार सैनिटाइज किया गया है
स्कूल में प्रवेश के हर गेट को खोला जायेगा
क्लास के अंदर छह फीट की दूरी पर बेंच लगायी जाएगी
एक समय में एक सेक्शन के दस बच्चे को ही बुलाया जायेगा
एक कक्षा में पांच से छह बच्चे ही बैठेंगे
मास्क लगा कर नहीं आने वाले बच्चों को मास्क देकर ही स्कूल में प्रवेश मिलेगा
आक्सीजन लेवल जांचने के लिए आक्सीमीटर रहेगा

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