भारतीय कंपनी ने अभिनेता अक्षय कुमार के साथ मिलकर ‘पबजी जैसा’ मोबाइल गेम बाज़ार में लाने की घोषणा की है जिसका मक़सद स्पष्ट रूप से बाज़ार में बनी उस ख़ास जगह को भरना है, जो नामी चीनी मोबाइल ऐप पबजी पर प्रतिबंध लगने से बनी है
नई दिल्ली। भारतीय कंपनी ने अभिनेता अक्षय कुमार के साथ मिलकर ‘पबजी जैसा’ मोबाइल गेम बाज़ार में लाने की घोषणा की है जिसका मक़सद स्पष्ट रूप से बाज़ार में बनी उस ख़ास जगह को भरना है, जो नामी चीनी मोबाइल ऐप पबजी पर प्रतिबंध लगने से बनी है. बेंगलुरु स्थित एन-कोर गेम्स नामक कंपनी ने इस मोबाइल गेम को तैयार किया है जिसे सीधे तौर पर पबजी का प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है.कंपनी ने इस गेम को ‘फ़ौजी’ (FAU:G) नाम दिया है जो अक्तूबर अंत तक बाज़ार में होगा. कंपनी के सह-संस्थापक विशाल गोंडल ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में कहा कि “फ़ियरलेस एंड यूनाइटेड गार्ड्स इस गेम का पूरा नाम है. इस गेम पर कई महीने से काम चल रहा था. हमने इस गेम के पहले लेवल को गलवान घाटी पर आधारित रखा है.” गलवान घाटी में ही चीन और भारत के सैनिकों के बीच जून में पहली बार टकराव हुआ था जिसमें कम से कम 20 भारतीय जवान मारे गये थे. तभी से वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव जारी है. इस गतिरोध के बीच ही भारत सरकार ने लोकप्रिय गेमिंग ऐप पबजी सहित चीन की कंपनियों द्वारा बनाये गए 118 अन्य मोबाइल ऐप्स पर बुधवार को प्रतिबंध लगा दिया था.
पबजी यानी Player Unknown’s Battlegrounds बीते कुछ वर्षों से भारत में बहुत ही लोकप्रिय मोबाइल गेम रहा है. बताया जाता है कि यह गेम एक जापानी थ्रिलर फ़िल्म ‘बैटल रोयाल’ से प्रभावित होकर बनाया गया जिसमें सरकार छात्रों के एक ग्रुप को ज़बरन मौत से लड़ने भेज देती है. दुनिया में पबजी खेलने वालों में से लगभग 25 फ़ीसद भारत में हैं. चीन में महज़ 17 फ़ीसद यूज़र और अमरीका में छह फ़ीसद यूज़र हैं जो पबजी खेलते हैं. भारत में वीडियो गेम स्ट्रीमिंग साइट ‘रूटर्स’ के सीईओ पीयूष कुमार ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि “भारत में सिर्फ़ पबजी की बात करें तो इस गेम के क़रीब 175 मिलियन डाउनलोड्स हैं जिसमें से एक्टिव यूज़र 75 मिलियन के आसपास हैं, यानी चीन से ज़्यादा लोग भारत में पबजी खेलते रहे हैं.” युवा लोग इस गेम के दीवाने समझे जाते हैं और भारत में इसके बैन की घोषणा पर सोशल मीडिया के ज़रिये उनकी तीखी प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिली हैं.
4.2 अरब डॉलर की हिस्सेदारी के साथ चीन सबसे आगे था : दुनिया की बात करें तो 2019 में गेमिंग का बाज़ार 16.9 अरब डॉलर का रहा जिसमें 4.2 अरब डॉलर की हिस्सेदारी के साथ चीन सबसे आगे था. दूसरे नंबर पर अमरीका, तीसरे पर जापान और फिर ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया का नंबर आता है. भारत में भी गेमिंग इंडस्ट्री का विस्तार काफ़ी तेज़ी से हो रहा है लेकिन अब भी यह एक अरब डॉलर से कम का है. भारत रेवेन्यू के मामले में गेमिंग के टॉप पाँच देशों में तो नहीं है, लेकिन बाक़ी देशों के लिए यह एक उभरता हुआ बाज़ार ज़रूर है. आंकड़े बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान भारत में मोबाइल गेम खेलने वालों की संख्या काफ़ी बढ़ी है. भारत में अभी तक ऑनलाइन गेम्स बनाने का बहुत बड़ा चलन नहीं रहा. ऐसा समझा जाता है कि भारतीय डेवलपर्स इसमें अभी काफ़ी पीछे हैं. मगर FAU:G नामक इस गेम से डेवलपर सुर्खियों में आये हैं.
आरोप…देशभक्ति की भावना को भुनाने की कोशिश : आलोचकों का मानना है कि FAU:G के ज़रिये भारतीय कंपनी एन-कोर गेम्स लोगों की देशभक्ति की भावना को भुनाने की कोशिश में है. कंपनी के सह-संस्थापक विशाल गोंडल ने यह घोषणा भी की है कि “इस मोबाइल से होने वाली कुल आमदनी का 20 प्रतिशत भारत के लिए शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को दिया जाएगा.” बताया गया है कि अभिनेता अक्षय कुमार इस कथित मुहिम में कंपनी का साथ दे रहे हैं. कंपनी के अनुसार, गेम के लिए ‘FAU:G यानी फ़ौजी’ नाम भी अक्षय कुमार ने ही सुझाया है.